दंतेवाड़ा (dantewada)। प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं (road accident) में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। केवल 6 महीने का आंकड़ा देखें तो अब तक 2773 लोगों ने सड़क एक्सिडेंट में जान गंवा दिए। आज फिर बड़ी सड़क दुर्घटना हो गई।
किरंदुल (Kirandul) से लौह अयस्क लेकर रायपुर (Raipur) जा रहे ट्रक ने बाइक सवारों को चपेट में ले लिया। एक की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई, वहीं दूसरे का अस्पताल में इलाज चल रहा है। इन युवकों के बारे में पुलिस कुछ भी नहीं बता पा रही है।
बचेली पुलिस के अनुसार सुबह बचेली थाना (Police Station) क्षेत्र के सिम्प्लेक्स नाले के पास घटना हुई है। किरंदुल से लौह अयस्क लेकर तेजी से रायपुर जा रहा दस चक्का ट्रक बाइक सवार दो युवकों को रौंद दिया। गंभीर हालत में घायल दोनों को अपोलो अस्पताल पहुंचाया गया। इलाज के दौरान एक युवक की मौत हो गई। दूसरे का इलाज चल रहा है।
पुलिस ने बताया कि दोनों युवक कौन हैं, कहां जा रहे थे इसका अभी पता नहीं चल पाया है। गाड़ी नंबर के आधार पर इनके बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
प्रदेश में अब तक 2773 लोगों की मौत
2021 और 22 के अब तक के आंकड़ें देखें तो छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में पिछले 6 महीने में 6032 सड़क दुर्घटनाएं हुई है। इसमेंं 2773 लोगों की मौत हुई है। इतने ही हादसे में 5376 लोग घायल हुए हैं। यहां परेशान करने वाली बात ये है कि पिछले साल की तुलना में प्रदेश में सड़क दुर्घटना से मृत्यु मामले में 29.45 प्रतिशत एवं घायलों की संख्या में 4.46 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
943 सड़क दुर्घटनाएं
2021-22 में केवल जून महीने में ही 943 सड़क दुर्घटनाएं (road accident) हुईं, जिसमें 455 लोगों ने दम तोड़ दिया और 867 लोग घायल हुए हैं। ये आंकड़े भी जून 2020 के आंकड़ों से ज्यादा हैं। सिर्फ जून महीने में सड़क दुर्घटना से मौत के मामले में 17 प्रतिशत एवं घायलों के मामले में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं प्रदेश में दो पहिया चलाने वालों ने इन 6 महीनों के दौरान सबसे ज्यादा जान गंवाई है।
तेज व नशे में वाहन नहीं चलाने की देते हैं हिदायद
प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि पर पुलिस ने चिंता जाहिर की है। उनका कहना है हम लोगों को उनके परिवार की सलामती के लिए सावधानी के साथ वाहन चलाने की अपील करते हैं। उन्हें समझाते हैं। दुर्ग एएसपी ट्रैफिक (Durg ASP Traffic) कविलास टंडन ने कहा कि कोरोना के दौरान लाकडाउन में सड़कें सूनी थी इसलिए पिछले साल दुर्घटनाओं में कमी रही। अब लोग स्वतंत्र हैं। तेज व नशे मेें वाहन नहीं चलाने की हिदायद दी जाती है, पर लोग मानते नहीं हैं।
(TNS)