खैरागढ़। उदयपुर पैलेस के बाहर उपद्रव मामले की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस के तेवर से ऐसा लग रहा है कि कानून को हाथ में लेने वालों को पुलिस बख्शने के मूड में नहीं दिख रही है। पुलिस ने बलवा सहित चार अलग-अलग गैर जमानती धाराओं में अज्ञात लोगों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया है।
पुलिस ने जानकारी दी है कि गुरुवार को पैलेस घरने की घटना के बाद आरोपियों पर धारा 147 बलवा करना, धारा 186 सरकारी काम में बाधा पहुंचाना, धारा 353 सरकारी अधिकारी को काम करने से रोकना, धारा 323 मारपीट करना और लोक संपत्ति नुकसानी निवारण अधिनियम की धारा 3(बी) शामिल है। मामला दर्ज करने के बाद पुलिस उपद्रवियों के शिनाख्त में जुट गई है।
पुलिस के अनुसार संदिग्धों की तैयार सूची के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी। पहले उपद्रव भड़काने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा। उसके बाद उपद्रवियों को निशाने पर लिया जाएगा। फिलहाल पुलिस वीडियो फुटेज के सहारे उपद्रवियों को पहचानने की कोशिश कर रही है। सूत्रों के अनुसार उपद्रवियों में उदयपुर के अलावा बाहर गांव के युवक भी शामिल थे, जिन्हें पुलिस चिन्हित कर रही है।
इधर घटना के बाद दूसरे दिन शुक्रवार को गांव में सन्नाटा पसरा रहा। लोग अपने निजी कार्याें में व्यस्त दिखे। जबकि उपद्रव में शामिल लोग दुबके रहे। शाम तक पूरे गांव में शांति का माहौल बना रहा। पुलिस ने सुरक्षा के लिहाज से पैलेस में दो जवानों की तैनाती की है, ताकि असामाजिक तत्वों द्वारा किसी भी तरह से आपत्तिजनक काम की भनक मिले तो तुरंत सूचना मिल सके। इसके अलावा पुलिस लगातार गांव में पेट्रोलिंग करती रही। गुरुवार रात मौके पर प्रभारी एसपी गोवर्धन ठाकुर, सीएसपी प्रज्ञा मेश्राम पहुंच गए थे। जबकि शुक्रवार को अन्य पुलिस अधिकारी मौका मुआयना करने गांव पहुंचे थे।
इस वजह से बना तनाव का माहौल
उपद्रव से पहले उदयपुर पैलेस को फिर से सील करने को लेकर राजा आर्यव्रत सिंह और विभा सिंह के पक्ष के बीच जुबानी जंग चल रही थी, जहां राजा आर्यव्रत सिंह पैलेस को ताला नहीं लगाने के पक्ष में समर्थन दे रहे थे, तो विभा सिंह पैलेस को सील करने की बात पर अड़ी थी। तकरीबन दो घंटे तक इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में बहस छिड़ी रही। कोई भी पक्ष समाधान के पक्ष में नहीं था और सभी अपनी-अपनी बातों पर अड़े रहे। अंतत: घंटों मशक्कत बाद दोनों पक्षों में सुलह कराया गया।
विभा की ताक में बैठे थे उपद्रवी
राजा आर्यव्रत और विभा सिंह के पक्ष में आपसी सहमति के बाद पैलेस के मुख्य द्वार पर दोनों पक्षों का ताला लगा दिया गया। इसके बाद विभा सिंह पुलिस सुरक्षा में बाहर निकल रही थीं। विभा को बाहर निकालने पुलिस की आजमाईश देख पब्लिक भड़क उठी। आपाधापी के बीच समर्थकों और पुलिस में कहा-सुनी हो गई। मामला बढ़ा और उपद्रव शुरू हो गया।
इस दौरान कड़ी मशक्कत के बाद हंगामा शांत हुआ, लेकिन पता चला कि विभा सिंह की ताक में पुरुषों के अलावा महिलाओं ने भी मोर्चा संभाल रखा था। पुरुष अंडे लेकर खड़े थे। वहीं महिलाएं गोबर लेकर विभा के बाहर निकलने की राह तक रही थीं।
बच्चों को उदयपुर में ठहराने की जिद
दिवंगत राजा देवव्रत सिंह के उदयपुर पैलेस का ताला खोलने से पहले दोनों पक्षों में घंटों तकरार चलती रही। दोनों पक्ष ताला खुलने के बाद की स्थिति को लेकर अपनी-अपनी मंशा जाहिर कर रहे थे। लंबे इंतजार और मुख्य द्वार की पूजा-अर्चना के बाद राजा आर्यव्रत सिंह ने ताला खोला, लेकिन कार्रवाई पूरी होने के बाद पैलेस में फिर से ताला जड़ा जा रहा था। समर्थकों ने इस बात पर आपत्ति दर्ज की। उनका कहना था कि राजा और राजकुमारी उदयपुर पैलेस में ही रहेंगे।
राजा के भाषण के बाद भड़की भीड़
उदयपुर पैलेस के बाहर समर्थकों के गुस्से पर राजा आर्यव्रत सिंह का भाषण घी का काम कर गया। राजा का भाषण सुनने के बाद उपद्रवियों का गुस्सा सातवें आसमान पर चले गया। राजा आर्यव्रत ने कहा कि जब तक दरवाजा और लॉकर का ताला नहीं खुलेगा, तब तक नहीं जाऊंगा। मैं जनता के साथ हूं, जनता के खिलाफ कभी नहीं जाऊंगा, हम जनता के लिए जीने मरने को तैयार हैं, अगर जनता चाहती है ताला खुले और राजा यहीं रहे तो वही होगा। राजा के इतना बोलते ही समर्थकों के गुस्से को बल मिल गया।
सात गाड़ियों में तोड़फोड़
गरुवार की रात उदयपुर पैलेस के बाहर उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया। पैलेस के सामने सड़क किनारे रखी गाड़ियों पर गुस्सा उतारा। नाराज समर्थकों के साथ उपद्रवियों ने एक के बाद एक सात गाड़ियों को निशाना बनाया। जिसमें मेन टारगेट विभा सिंह की इनोवा, उनके वकील की टीयूवी और पुलिस की गाड़ी थी, लेकिन पथराव में देवव्रत सिंह के बहन और बहनोई की गाड़ी भी सलामत नहीं रही। पथराव में गाड़ियों के सामने हिस्से का विंडस्क्रीन पूरी तरह चकनाचूर हो गया।
(TNS)