रायपुर। नवा रायपुर अपने हक के लिए लड़ रहे किसानों का प्रदर्शन आठवें दिन भी जारी रहा। गांधी वादी तरीके से एनआरडीए परिसर में हजारों प्रभावित क्षेत्र के किसान, मजदूर, नौजवान, माताएं, बहनें नवा रायपुर किसान कल्याण समिति के तत्ववधान में आंदोलन कर रहे है।
आंदोलन की अगुवाई कर रहे रूपन चंद्राकर और कामता रात्रे ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र के गांवों के सरपंच, जनपद सदस्य, ज़िला पंचायत सदस्य ने इस आंदोलन में अपना समर्थन दिया है। कांग्रेस-भाजपा दोनों दल के नेता सभी आंदोलन में भाग लेकर किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रहे है।
कामता रात्रे ने कहा कि अगर प्रभावित क्षेत्र के लोग अभी अपने अधिकार को सुरक्षित नहीं रखे तो आने वाले पीढ़ी नया रायपुर से विलुप्त हो जाएगी। अभी उनके रोजगार छिन लिया गया है। नवा रायपुर में निजी एवं सरकारी संस्था में प्रभावित परिवार के सदस्यों को योग्यतानुसार रोजगार एवं स्वरोजगार में प्राथमिकता नहीं मिल रहा है। किसानों को मुआवजा राशि में छल किया गया है।
कई छोटे छोटे समस्या के निदान नहीं होने से आंदोलन का जन्म हुआ है। जिसे शासन प्रशासन अगर चाहे तो स्वच्छ मन से समस्याओं का निराकरण कर सकती है। लेकिन इसके लिए कोई सकारात्मक प्रयास नहीं होने से काफी अर्से बाद किसान आंदोलन के लिए मजबूर हो गए। प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि कांग्रेस की वर्तमान सरकार चुनाव के दौरान प्रभावित क्षेत्र के किसानों के साथ न्याय करने की वादा किया था।
सरकार अब अपने वादे से मुकर रही है। कांग्रेस सरकार के तीन साल बीत जाने के बाद भी प्रभावित किसानों की पूर्व की मांगों तथा शासन प्रशासन के बीच हुए समझौते एवं आदेश क्रियानवयन की वर्तमान सरकार नहीं करा सकी। पूर्ववर्ती भाजपा शासन काल में किसानों एवं तत्कालीन शासन-प्रशासन के बीच कई अहम फैसले पर सहमति एवं आदेश हुए है।
जिसमें मुख्य रूप से प्रभावित ग्राम के संपूर्ण बसाहट क्षेत्र का पट्टा प्रदान करने एवं पुनर्वास नीति के तहत विक्रय भूमि के अनुपात में विकसित भूमि आवंटन करने का आदेश दिया गया था। जिसका पालन पूर्व की भाजपा की सरकार में नही हुआ ओर आज वर्तमान कांग्रेस ने भी नहीं किया। नवा रायपुर के किसानों के साथ दोनों सरकारों ने छल किया।