जांजगीर। एटीएम के माध्यम से मिलने वाली बीमा सुविधा के लाभ से वंचित करने पर शिकायत के आधार पर उपभोक्ता आयोग ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। आयोग ने कहा है कि अकाउंट होल्डर को 2 लाख रुपए दें।
बता दें कि खातेधारक की नामिनी के दावा करने पर पहले खाता धारक को बैंक ने ये पैसा देने से मना कर दिया था। अब फैसले के बाद बैंक को ये राशी अकाउंट होल्डरर्स को देना ही होगा।
निधन के बाद उसके बेटे पंकज ने स्टेट बैंक से संपर्क कर एटीएम कार्ड से मिलने वाली बीमा सुविधा का दावा प्रस्तुत किया था। बीमा राशि क्लेम अप्लाई करने के बाद बैंक ने उसे पैसा देने से ही मना कर दिया, जिसके बाद वो उपभोक्ता आयोग गया था।
बैंक ने कहा था कि आपने 90 दिन के अंदर दावा प्रस्तुत नहीं किया है। इसलिए आपको पैसे नहीं दिए जा सकते। मामले में सुनवाई करते हुए अब आयोग ने कहा है कि बीमा का लाभ हर हाल में खाता धारक को मिलना चाहिए।
इसके लिए निर्धारित समय सीमा की बात ही नहीं है। इसलिए बैंक को अब बीमा का 2 लाख रुपए, मानसिक क्षतिपूर्ति 5000 रुपए और वाद व्यय के रूप में एक हजार रुपए देना होगा।
ये है एटीएम कार्ड से बीमा सुविधा
मामले के अनुसार मालखरौदा क्षेत्र के ग्राम पोता निवासी पंकज अनाला की मां जलबाई अनाला का भारतीय स्टेट बैंक की शाखा डभरा में अकाउंट था। इस अकाउंट में एटीएम की सुविधा मिली हुई थी, बीच में अचानक जलबाई का 12 जून 2017 को निधन हो गया था। इसके बाद उसके बेटे पंकज ने स्टेट बैंक से संपर्क कर एटीएम कार्ड से मिलने वाली बीमा सुविधा का दावा प्रस्तुत किया था।
बहुतों को पता नहीं
बीमा राशि क्लेम अप्लाई करने के बाद बैंक ने उसे पैसा देने से ही मना कर दिया, जिसके बाद वो उपभोक्ता आयोग गया था। वहां उसने दावा प्रस्तुत किया था। बता दें कि आज भी यह बात बहुत लोगों को जानकारी नहीं है कि एटीएम कार्ड से बीमा सुविधा भी मिलती है।
(TNS)