भोपाल। शारीरिक एवं घोष प्रकटोत्सव का आयोजन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भोपाल विभाग की ओर से किया गया। जहां शारीरिक कार्यक्रम में स्वयंसेवकों ने समता एवं 40 तरह से दंड प्रयोग का प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा अपना समूचा जीवन दूसरों की चिंता में लगा देता है उसे नारायण कहते हैं। संघ की शाखा में नर से नारायण बनाने का प्रयास किया जाता है। वहीं, घोष दल के स्वयंसेवकों ने बंसी, आनक, बिगुल और ड्रम पर अनेक रचनाओं की प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में 200 से अधिक चयनित स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर मंच पर अखिल भारतीय शारीरिक शिक्षण प्रमुख सुनील कुलकर्णी, सेवानिवृत्त मेजर जनरल डॉ. पीएन त्रिपाठी, भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी, रमेश के. दवे, प्रान्त संघचालक अशोक पांडेय और विभाग संघचालक डॉ. राजेश सेठी उपस्थित थे।
यहां तैयार होते हैं नर से नारायण
मुख्य वक्ता सुनील कुलकर्णी ने कहा कि संस्कारित व्यक्ति के द्वारा राष्ट्रनिर्माण यह संघ का उद्देश्य है। संघ की दैनिक शाखा पर गीत, सुभाषित, वीर गाथाओं, गीत इत्यादि के माध्यम से व्यक्ति निर्माण का कार्य किया जाता है। कुलकर्णी ने आगे बताया नारायण- जो अपने बारे में विचार ही नहीं करता, बल्कि अपना समूचा जीवन दूसरों की चिंता में लगा देता है उसे नारायण कहते हैं। संघ की शाखा में नर से नारायण बनाने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने कहा कि संघ ने अपनी अब तक की यात्रा में ऐसे अनेक कार्यकर्ता तैयार किये जो मानव सेवा के लिए समर्पित हैं।
सज्जनशक्ति जाग्रत होगी तो देश सुरक्षित रहेगा
मुख्य वक्ता सुनील कुलकर्णी ने कहा कि देश की प्रगति के लिए समाज की सज्जनशक्ति को जगाना है। वर्तमान समय में भी ऐसी ताकतें सक्रिय हैं जो देश के टुकड़े करने का सपना देखती हैं। सज्जनशक्ति जाग्रत होगी तो ऐसी ताकतें सफल नहीं होंगी। उन्होंने सज्जनशक्ति से आग्रह किया कि वह संघ में आये और साथ में मिलकर कार्य करे। उन्होंने कहा कि संघ हिन्दू समाज के संगठन का प्रयास करता है। हिन्दू से अभिप्राय, इस देश में जन्मा व्यक्ति, जो इस देश की संस्कृति को अपना मानता है। उन्होंने कहा कि हिन्दू कभी साम्प्रदायिक नहीं होता। हिन्दू समाज के जागरण से एक परिवर्तन आया है।
संघ सदैव युवाओं को करेगा संस्कारिक
कुलकर्णी ने कहा कि आरएसएस को समझना है तो संघ के नज़दीक आना होगा। जो विरोधी संघ के बारे में मिथ्या प्रचार कर रहे हैं, उन्हें समाज की सज्जनशक्ति की ओर से संघ को समर्थन देकर सटीक उत्तर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संघ कभी भी समाज को निराश नहीं करेगा। संघ सदैव युवाओं का संस्कार करने का कार्य करता रहेगा।
संघ का उद्देश्य चरित्र निर्माण और देश सेवा
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त मेजर जनरल डॉ. पीएन त्रिपाठी ने कहा कि संघ का उद्देश्य चरित्र निर्माण और देश सेवा। भारतीय सेना का भी यही उद्देश्य है। चरित्र निर्माण के लिए मन एवं वचन में एकरूपता होनी चाहिए। नये परिवर्तनों को ध्यान में रखकर संघ को युवा पीढ़ी को सही दिशा देने का काम भी करना चाहिए। संघ विश्व की सबसे बड़ी सांस्कृतिक संस्था है। संघ के अनुशासन का लोहा विश्व मानता है।
(TNS)