रायपुर। बेमौसम बारिश के कारण धान भीगने से खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने नाराजगी जताई है। इसे मंत्री मंडलीय उप समिति गंभीरता से लिया है। धान भीगने के कारण 6 जिलों के कलेक्टरों पर नोटिस की कार्रवाई हो सकती है। इसके लिए मंत्री मंडलीय उपसमिति ने अनुशंसा की है। खाद्य मंत्री का कहना है कि धान खरीदी केन्द्रों में धान को बारिश से बचाव के लिए कैप कवर तालपत्री सहित विभिन्न इंतजाम के लिए पर्याप्त राशि सहकारी समितियों को उपलब्ध कराई गई थी फिर भी धान क्यों भीगा। इस लापरवाही को देखते हुए मंत्रीमंडलीय उपसमिति समिति ने बेमेतरा, कवर्धा, राजनांदगांव, धमतरी, महासमुंद और रायपुर जिलों के कलेक्टरों, जिला विपणन अधिकारियों और उप पंजीयकों को नोटिस जारी करने की की गई है।
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्री-मंडलीय उप समिति की बैठक में उन्होंने धान खरीदी केन्द्रों में धान भीगने की घटना पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग द्वारा लगातार अलर्ट किया जाता रहा कि दिसंबर माह में अंत में भारी बारिश होगी इसके बाद भी समितियों में पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए। खाद्यमंत्री ने कहा कि धान खरीदी केन्द्रों में इसकी खरीदी से लेकर इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी समितियों है। सुरक्षा के लिए पर्याप्त मात्रा में केप कवर क्यों नहीं खरीदे गए? बेमौसम बारिश की भविष्यवाणी के बाद पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा इंतजाम किए जाते तो यह नौबत नहीं आती। बैठक में वन एवं परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम भी उपस्थित हुए।
6 जिलों में भीगा 38 हजार टन धान
बैठक में भीगे धान की जानकारी भी ली गई। अधिकारियों ने बताया कि बेमेतरा, कवर्धा, राजनांदगांव, धमतरी, महासमुंद और रायपुर जिलों में 38 हजार टन धान भीगा है। अधिकारियों ने बताया कि भीगे धान को सुखाकर इसकी मिलिंग कराइर जाएगी। बैठक में यह भी बताया गया कि अब तक प्रदेश में 15 लाख से अधिक किसानों से 58.64 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। धान खरीदी के एवज में किसानों को 10 हजार 934 करोड़ 50 लाख रुपए बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत मार्कफेड द्वारा जारी कर दिया गया है। वहीं कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव एवं परिवहन तेजी से किया जा रहा है।
TNS