बिलासपुर। कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर एक बार फिर हाईकोर्ट के साथ-साथ अधीनस्थ न्यायालयों के कामकाज को लेकर नई व्यवस्था बनाई गई है। प्रकरणों की फाइलिंग पूर्ववत ही रहेगी, लेकिन हाईकोर्ट में सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी। वहीं अधीनस्थ न्यायालयों में जिला न्यायाधीश केसों की सुनवाई का निर्धारण करेंगे।
हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल संजय कुमार जैसवाल की ओर से जारी आदेश के तहत हाईकोर्ट में नए प्रकरणों की फाइलिंग काउंटर के जरिए ही होगा। कार्यालय में सेक्शन ऑफिसर और उनसे ऊपर के अधिकारी कार्यदिवस पर रोजाना मौजूद रहेंगे, लेकिन शेष स्टाफ कार्यदिवस पर रोटेशन के हिसाब से महज 50 प्रतिशत ही मौजूद रहेगा।
किसी भी अधिकारी अथवा कर्मचारी को बिना अनुमति के मुख्यालय छोड़ने की इजाजत नहीं होगी। इसके अलावा कार्यालय में थर्मल स्केनिंग, मास्क पर व्यक्तिगत के साथ-साथ सीसीटीवी से जरिए निगरानी रखी जाएगी।
अधीनस्थ न्यायालयों में भी नए प्रकरण लिए जाएंगे, लेकिन कौन से न्यायालय में कितने प्रकरण लिए जाएंगे, इसका निर्धारण सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए संबंधित न्यायालय करेंगे, या फिर जिला न्यायाघीश इसके लिए निर्देशित करेंगे।
मास्क नहीं लगाए जाने अथवा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर वैधानिक कार्रवाई के साथ-साथ भविष्य में न्यायालय में प्रवेश पर रोक भी लगाई जा सकती है। इसके साथ ही न्यायालय में केवल उन्हीं अधिवक्ताओं को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी, जिनके प्रकरणों की सुनवाई होनी है। एक केस में केवल दो अधिवक्ताओं को ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
बता दें कि देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। वहीं मौतों में भी इजाफा हुआ है। हां कुछ राज्यों में राहत भरी खबर अवश्य है। छत्तीसगढ़ में शनिवार को प्रदेश भर के 15 मरीजों की मौत हुई है। इनमें से 8 को कोरोना के अलावा कोई दूसरी बीमारी नहीं थी। रविवार को इसकी संख्या कम रही। ऐसा पहली बार हुआ है जब मौत के आंकड़ों में ऐसे मरीजों की संख्या कोमॉर्बिडिटी से अधिक हो। दो दिनों पहले मरने वालों में पांच दुर्ग, तीन-तीन राजनांदगांव और रायपुर के थे। धमतरी, बिलासपुर, कोण्डागांव और कांकेर के भी एक-एक मरीज की जान गई है। 26 दिसम्बर से अब तक 227 मरीजों की जान जा चुकी है।
(TNS)