रायपुर। नवा रायपुर में चल रहा किसानों का आंदोलन 18वें दिन भी जारी रहा। जहां आंदोलन की अगुवाई 40 गांव के बुजुर्ग किसान कर रहे है। वहीं सोशल मीडिया में ट्वीटर, फेसबुक और यूट्यूब में युवा साथी आंदोलन की बागडोर को थामे हुए है। 18 दिन से किसान आंदोलन कर रहे है और सरकार अब तक इनकी सुध नहीं ले रही है।
युवा किसान साथी प्रतिदिन आंदोलन को ट्वीटर, फेसबुक और यूट्यूब पर अलग-अलग एकाउंट पर अपलोड कर रहे है। जिसे प्रतिदिन हजारों लोगों द्वारा देखा जा रहा है। वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार ने आंदोलन को लेकर एक बैठक बुलाई थी, जिसमें शामिल होने के लिए किसान नेताओं को बुलाया गया था। लेकिन कुछ नेताओं के नहीं होने के कारण किसान संगठन बैठक में शामिल नहीं हुई।
वनमंत्री मो. अकबर ने कहा कि बैठक में किसानों को बुलाया गया था। लेकिन कोई भी किसान नेता नहीं आया। किसान आते तो उनकी मांगों पर विचार किया जाता। किसान नेताओं ने सूचना भेजी कि उनके कुछ नेता अभी नहीं है, इसलिए वे बैठक में नहीं आ सकते। किसानों ने अगली बैठक में आने की बात कही है।
धरना स्थल पर बन रहा खाना
नवा रायपुर में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान प्रतिदिन हजारों किसानों के लिए भोजन बन रहा है। आंदोलन के 18वें दिन वहां करीब सात हजार लोगों को भोजन कराया गया। सुबह से भोजन तैयार करने का चलने वाला सिलसिला देर रात तक चलता रहा। बड़े-बड़े बर्तन में किसानों के लिए खाना बनाया जाता है।
कई संगठनों ने दिया समर्थन
नवा रायपुर में चल रहे किसानों के आंदोलन को पलौद से व्यापारिक संघ, नवा रायपुर सरपंच संघ, संयुक्त पुलिस परिवार संघ रायपुर संभाग, छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा संचालक मंल, किसान खेत मजदूर संगठन, छत्तीसगढ़ निवेशक एवं कल्याण संघ , नवा रायपुर माली संघ के साथ विभिन्न सामाजिक व किसान संगठनों ने समर्थन दिया है। आंदोलनरत किसानों के भोजन के लिए कई संगठनों ने राशन सामाग्री एवं नगद राशि दी है।