रायपुर। नवा रायपुर प्रभावित किसान परिवारों द्वारा अपने वाजिब हक अधिकार के लिए किसान आंदोलन का 11वां दिन सहयोग और समर्थन के साथ पूरा हुआ। 12वें दिन मकर संक्रांति पर किसानों नई ऊर्जा के साथ आंदोलन में जुट गए। आंदोलन के दिन बढ़ने के साथ किसानों का समर्थन भी बढ़ता जा रहा है।
पहले वहां करीब 2 हजार किसान भाईयों और बहनों का खाना बन रहा था। अब वहां प्रतिदिन करीब 7 हजार किसान भाईयों, बहनों और युवाओं का खाना बन रहा है। किसान आंदोलन को सोशल मीडिया में अधिक से अधिक शेयर करने की कमान युवा किसान भाईयों ने अपने हाथों में ले रखा है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में इन युवाओं द्वारा प्रतिदिन की एक्टिविटी को सोशल मीडिया में शेयर किया जा रहा है।
कोई राशन तो कोई जलाने को दे रहा लकड़ी
नवा रायपुर स्थित धरना स्थल में प्रतिदिन 7 हजार से अधिक लोगों का खाना बनने के कारण वहां बड़ी मात्रा में राशन और चूल्हा जलाने के लिए लकड़ियों की जरूरत पड़ रही है। किसान भाई अपने आंदोलन को सुदृढ़ बनाने के लिए आंदोलन को सहयोग देने से पीछे नहीं है। इनती अधिक मात्रा में खाना बनाने के लिए कोई जलाऊ लकड़ी दे रहा है तो कई राशन पहुंचा रहा है। कुछ किसान सब्जियों की व्यवस्था भी कर रहे है।
इनका मिल रहा सहयोग
नवा रायपुर में चल रहे किसान आंदोलन को संयोजक छत्तीसगढ़ किसान महासभा, छग किसान मजदूर महासंघ संचालक मंडल सदस्य, छत्तीसगढ़ सयुक्त किसान मोर्चा, किसान मजदूर संगठन, छत्तीसगढ़ क्रांति सेना, छत्तीसगढ़ बचाओं आन्दोलन, छत्तीसगढ़ निवेशक एवं कल्याण संघ, नवा रायपुर सरपंच संघ, नवा रायपुर आटो यूनियन संघ, नवा रायपुर गार्डन माली संघ, नवा रायपुर महानदी, इन्द्रावती भवन ( सर्वकामगार कल्याण संघ) सफाई कर्मचारी मजदूर एवं टेक्नीशियन संघ, नवा रायपुर मितानिन संघ, मजदूर संगठन ( पुरखौती मुक्तांगन, उपरवारा) संगठनों द्वारा सर्मथन व सहयोग मिल रहा है।
मंत्री डहरिया से वार्ता विफल
किसान आंदोलन के 11वें दिन नगरीय प्रशासन मंत्री डा. शिवकुमार डहरिया द्वारा वार्ता के लिए किसानों को बुलाया गया था। वार्ता में किसानों की मांगो को नाजायज बताते हुए उसे पूरा कर पाने में सरकार ने असमर्थता जताई। उन्होंने कहा कि पंचायत कार्य के लिए राशि दी जा रही है, अलग से मांगों पर विचार नहीं किया जा सकता। अतः मंत्री शिवकुमार डहरिया एवं प्रभावित सरपंचों के बीच हुई वार्ता असफल रही ।