रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में उन्होंने मांग की है कि आगे से चुनावों को बैलट पेपर के जरिए कराया जाए। अगर यह मांग नहीं मानी जा सकती, तो उन्हें इच्छामृत्यु की इजाजत दे दी जाए।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल फिलहाल राष्ट्रीय मतदाता जागृति मंच के प्रमुख हैं। यह संस्था मतदाताओं में जागरुकता पैदा करने का काम करती है। नंद कुमार बघेल की इस चिट्ठी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
दरअसल, उन्होंने राष्ट्रपति से लिखित तौर पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की कार्यशैली पर संदेह जताया है और इन्हें बैलट पेपर के इस्तेमाल से बदलने की मांग की है। चिट्ठी में उन्होंने लिखा है “इस देश के सभी नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन जारी है। लोकतंत्र के तीन स्तंभ- न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका, इन सभी को तबाह किया जा रहा है। मीडिया भी लोकतंत्र के इन तीनों स्तंभ के अंतर्गत काम कर रही है, लेकिन देश के नागरिकों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। इससे नागरिकों में एक डर का माहौल है।”
बता दें कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल फिलहाल राष्ट्रीय मतदाता जागृति मंच के प्रमुख हैं। यह संस्था मतदाताओं में जागरुकता पैदा करने का काम करती है। हालांकि, इस संस्था की अध्यक्षता के बावजूद नंदकुमार ने ईवीएम के इस्तेमाल पर संदेह जताया है।
‘मेरे वोट के संवैधानिक अधिकार का हो रहा उल्लंघन’
बघेल ने कहा है “लोकतंत्र में मतदान का अधिकार सर्वोच्च अधिकार है और इसके लिए ईवीएम का इस्तेमाल हो रहा है। कोई भी राष्ट्रीय या आंतरिक संस्थान या सरकार ईवीएम को शत-प्रतिशत सही नहीं बता सकती। इसके बावजूद भारत में चुनाव इन मशीनों के इस्तेमाल से हो रहा है, जिससे मेरे वोट के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। इसकी कोई गारंटी नहीं है कि मेरा वोट उन्हीं के पास जाएगा, जिनके लिए मैंने ईवीएम का बटन दबाया है।”
चिट्ठी में दिया बैलट पेपर से वोटिंग कराने वाले विकसित देशों का उदाहरण
नंदकुमार बघेल ने पत्र में लिखा है कि चुनाव आयोग और केंद्र सरकार का संवैधानिक कर्तव्य और दायित्व है कि वे चुनाव में मतदान और मतगणना की ऐसी पारदर्शी व्यवस्था लागू करे, जिसका मूल्यांकन जनता और मतदाता स्वयं कर सकें। उन्होंने लिखा है ‘बैलेट पेपर और बैलेट बॉक्स चुनाव की ऐसी ही व्यवस्था है जो दुनिया के तमाम विकसित देशों में अपनाई जा रही है। वे देश तकनीक में हमसे बहुत आगे हैं, फिर भी अपने नागरिकों के विश्वास के लिए मतपत्र और मतदान पेटी से ही चुनाव कराते हैं। हमारे देश की संवैधानिक संस्थाएं लोकतंत्र में जनता का विश्वास कायम रखने में पूर्णतः विफल होती जा रही हैं और इस मामले में किसी भी प्रकार की कोई सुनवाई करने को तैयार नहीं है।’
‘मतदाता दिवस पर मिले इच्छामृत्यु’
सीएम बघेल के पिता ने पत्र में लिखा है कि ऐसी परिस्थितियों में जब उनके सभी अधिकारों का हनन हो रहा है तो उनके जीने का उद्देश्य ही समाप्त होता जा रहा है। उन्होंने लिखा “माननीय राष्ट्रपति जी आपने संविधान की रक्षा की शपथ ली है, लेकिन मेरे संवैधानिक अधिकारों की रक्षा नहीं हो पा रही है जिसके चलते मेरे पास इच्छामृत्यु के अलावा कोई विकल्प शेष नहीं रहा।” उन्होंने आगे कहा “अगर ईवीएम की जगह बैलट पेपर से मतदान संभव नहीं है तो मुझे इस महीने 25 तारीख को राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर इच्छामृत्यु करने की अनुमति प्रदान की जाए।’
(TNS)