रायपुर। राजधानी के अय्यपा मंदिर (Ayyappa Temple) में आज पूजा उत्सव (Worship Festival) मनाया जा रहा है। इस मौके पर मंदिर की 18 पवित्र सीढ़ियां (Sacred Staircase) खोली जाएंगी, जो सीधे गर्भगृह तक जाती हैं। दरअसल, ये आयोजन इसलिए भी खास है क्योंकि साल में ऐसे 2 मौके ही आते हैं जब भक्त पवित्र सीढ़ियां चढ़कर भगवान अय्यपा के दर्शन कर सकते हैं।
इन पवित्र सीढ़ियों पर चढ़कर वही भक्त भगवान के दर्शन कर पाएंगे जो बीते 41 दिनों से ब्रह्मचर्य का पालन कर रहे हैं। इसके लिए करीब 50 भक्तों ने पंजीयन करवाया है। सीढ़ियां चढ़ते वक्त सभी भक्तों के सिर पर इरुमुडी (विशेष पोटली) रहेगी। अय्यप्पा सेवा संघ (Ayyappa Seva Sangh) के अध्यक्ष विनोद पिल्लई व सचिव एमएन सुकुमारन ने बताया कि सुबह 4.30 बजे प्रभात फेरी के बाद निर्माल्य दर्शन, अभिषेक, गणपति होम, भागवत पारायण और उषा पूजा की गई। इसके बाद भक्तजन पल्लिकेट्ट के बाद पवित्र सीढ़ियां चढ़ रहे हैैं।
इस दौरान उनके सिर पर इरुमुडी होगी जिसमें सभी तरह की पूजन सामग्रियां के साथ गर्भगृह पहुंच कर भक्त भगवान का घी से अभिषेक कर रहे हैं। यह पूजा 10.30 से 11.00 बजे तक होगी। शाम 6.30 बजे से दीपाराधना (आरती) रखी गई है। फिर 7 से 9 बजे तक भजन होंगे। रात 8.15 से मध्य भोगपूजा संपन्न होगी। भक्तों में प्रसाद का वितरण रात 9.30 बजे किया जाएगा।
जानिए 18 सीढ़ियों का महत्व
जानकार बताते हैं कि अय्यपा मंदिर के मुख्य द्वार की 18 सीढ़ियों से जुड़ी कई मान्यताएं हैं। सबसे प्रचलित मान्यता के अनुसार पहली पांच सीढ़ियां पांच इंद्रियों का प्रतीक हैं। इसके बाद तीन सीढ़ियां तीन गुणों को दर्शाती हैं और आखिरी दो सीढ़ियां विद्या व अविद्या की प्रतीक हैं। इन सीढ़ियों को 18 पुराणों, अयप्पा के 18 शस्त्रों, 18 सिद्ध पुरुषों, 18 देवताओं और 18 गुणों से भी जोड़ा जाता है।
(TNS)