रायपुर। कोरोना महामारी की वजह से इस साल भी गुरु घासीदास की शोभायात्रा कोई धमाल नहीं होगा। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को देखते हुए जिला प्रशासन ने भीड़ एकत्र करने से मना कर दिया है। इसकी वजह से राजधानी रायपुर में 16 दिसंबर को निकलने वाली गुरु घासीदास शोभायात्रा को सादगी से निकाली जाएगी। प्रशासन ने भीड़ रोकने के लिए डीजे पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन बैंड बाजा के साथ सीमित संख्या में पंथी नृत्य एवं झांकी निकालने को अनुमति दी गई है।
रविवार को कंट्रोल रूम में हुई बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तारकेश्वर पटेल एवं आकाश राव ने सतनामी समाज के लोगों के साथ कोरोना महामारी की आशंका के मद्देनजर शोभायात्रा में विशेष सावधानी बरतने पर चर्चा की। इस दौरान तय हुआ कि 16 दिसंबर की शोभायात्रा और 17 एवं 18 दिसंबर को मनाए जाने वाले जयंती पर्व को कुछ शर्तों के साथ मनाने को अनुमति दी जा रही है।
गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के प्रवक्ता चेतन चंदेल ने बताया कि 16 दिसंबर को शोभायात्रा आमापारा प्लाजा से दोपहर तीन बजे निकलेगी। आजाद चौक, पुरानी बस्ती, बूढ़ातालाब, नगर निगम व्हाइट हाउस, महिला थाना चौक, मोतीबाग होते हुए गुरु घासीदास चौक (नगर घड़ी) पर शोभायात्रा का समापन होगा।
इसी तरह न्यू राजेंद्र नगर सांस्कृतिक भवन में 17 एवं 18 दिसंबर को जयंती पर्व पर आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के लिए नगर निगम व अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी से गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी को लिखित अनुमति प्राप्त हो गई है। बैठक में गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के प्रदेश अध्यक्ष केपी खंडे, महासचिव जेआर सोनी, पार्षद सुंदरलाल जोगी, प्रवक्ता चेतन चंदेल, प्रकाश बांधे, मनोज बंजारे, कमल कुर्रे आदि शाामिल हुए।