महासमुंद। जब लोग किसी जनप्रितनिधि को चुनते हैं तो उनसे उम्मीद रहती है कि वह आम जनता की परेशानियां दूर करने में भरसक प्रयास करेगा। पर ये क्या एक जनप्रतिनिधि ने कड़कड़ाती ठंड में लोगों को बेघरबार कर दिया। लोग रो-रो कर अपना दुखड़ा सुना रहे हैं।
जी हां ऐसा ही एक मामला सामने आया है। ये कारनामा कोई और नहीं गांव के ही सरपंच ने किया है, जिसने कई परिवारों की मेहनत को जमीदोज कर आखों में आंसू ला दिया है। बसना ब्लॉक के ग्राम बंसूला में अटल आवास योजना के तहत निर्मित लगभग 50-60 मकानों को ग्राम पंचायत बंसूला के सरपंच ने बिना किसी सरकारी आदेश के घरों पर बुलडोजर चलवाकर तोड़ दिया है।
50-60 परिवार हुए बेघर
आपको बता दें कि एक ओर पूरा देश पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती मना रहा है, वहीं दूसरी ओर दबंगों ने गरीबों के साथ ज्यादती कर दी। यहां 50-60 परिवारों को बेघर कर दिया गया है। बिना आदेश के आशियाने को तोड़ देने से कई गरीब परिवार सड़क पर आ गए हैं। ऐसे में भविष्य को लेकर परिवारों का रो-रोकर बुराहाल है। बच्चे से लेकर बुजुर्ग भी कड़ाके की सर्दी में खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर हैं।
पहले डराया, फिर धमकाया
घटना के बाद पीड़ित महिला प्रभा भोई ने रोते हुए बताया कि सरपंच ने हमें कुछ दिनों पहले भी मकान खाली करने की धमकी दी थी। मकान न खाली करने पर सरपंच ने हमें डराया-धमकाया। सरपंच की धमकियों से डरकर हमने मकान खाली कर दिया, जिसके बाद सरपंच ने सभी मकानों को तोड़कर हमें बेघर कर दिया।
ग्रामीण व गृह निर्माण मंडल ने थाने में की शिकायत
मामले में पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच ने बिना किसी सरकारी आदेश के ही हमारे मकानों पर बुलडोजर चलवाकर तोड़वाया है। ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच ने घरों को तोड़ने के बाद मलबे को बेच दिया है, जिसके बाद ग्रामीणों ने सरपंच के खिलाफ बसना थाने में शिकायत दर्ज कराई है। साथ ही गृह निर्माण मंडल के अधिकारियों ने भी मकान तोड़े जाने के संबंध में थाने में शिकायत दर्ज करवाई है।
(TNS)