दुर्ग (Durg)। किन्हीं कारणों से बड़ी संख्या में लोगों का अदालतों (courts) में मामला चल रहा है। सालों से लंबित प्रकरणों (Case) का शीघ्रता से निराकरण (Redressal) कर फाइलों का बोझ कम कर अदालतों की परेशानी कम करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी के तहत जिले में शनिवार को लोक अदालत (Lok Adalat) लगाया जा रहा है।
नेशनल लोक अदालत में कुल 7045 प्रकरणों को निराकरण के लिए रखा गया है। इसमें अधिक से अधिक राजीनामा (Resignation) योग्य प्रकरण के निराकरण की संभावनाएं हैं।
लोग यहां पहुंचकर अपने लंबित प्रकरणों से समझौते के तहत बड़ी आसानी से राहत पा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में 11 दिसम्बर को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा हैॆ। इस कड़ी में दुर्ग में जिला न्यायालय (District Courts) के सभागार में सुबह 11 बजे से लोक अदालत आयोजित है। इसके लिए 32 खंडपीठ का गठन किया गया है। इसके अलावा व्यवहार न्यायालय पाटन-01 व भिलाई-3 के लिए 2 खंडपीठ का गठन किया गया है। नेशनल लोक अदालत में राजस्व न्यायालय से संबंधित प्रकरणों का भी निराकरण किया जाना है, जिसके लिए 11 खण्डपीठ का गठन किया गया है।
परिवार न्यायालय में भी दे सकते हैं आवेदन
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्य़क्ष न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी के निर्देश और दुर्ग जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व जिला न्यायाधीश राजेश कुमार श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में लगने वाले नेशनल लोक अदालत में जिला न्यायालय दुर्ग के लिए 23 खंडपीठ, परिवार न्यायालय के लिए 3 खंडपीठ, किशोर न्याय बोर्ड, स्थायी लोक अदालत जनोपयोगी सेवा एवम् श्रम न्यायालय के लिए 1-1 खंडपीठ का गठन किया गया है.
इस साल का अंतिम लोक अदालत
वर्ष 2021 के अंतिम नेशनल लोक अदालत के माध्यम से न्यायालय में लंबित सिविल वाद, वित्तीय संस्थानों के द्वारा प्रस्तुत किए गए प्री-लिटिगेशन का निराकरण किया जाएगा। जिसमें विद्युत विभाग के 200 प्रकरण, दूरसंचार विभाग के 300 प्रकरण, वित्तीय संस्थानों के 4300 प्रकरण रखे जाने हैं। मोटर दुर्धटना दावा प्रकरण, चैक बाउॅस से संबंधित मामले, पारिवारिक मामले, श्रम मामले, विद्युत मामले एवं राजीनामा योग्य अपराधिक मामलों का राजीनामा के आधार पर निराकरण एवं विद्युत विभाग, दूरसंचार विभाग के भी प्रकरण शामिल है।
इस बार 7045 प्रकरणों को रखा गया
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (District Legal Services Authority) दुर्ग के सचिव राहुल शर्मा ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में कुल 7045 प्रकरणों को निराकरण के लिए रखा गया है। इसमें अधिक से अधिक राजीनामा योग्य प्रकरण के निराकरण की संभावनाएं हैं। न्यायालय के प्रकरण के पक्षकारों को लोक अदालत के महत्व को बताये जाने तथा लोक अदालत के लिए पक्षकारों को जागरूक करने के लिए 4 पैरालीगल वॉलिन्टियर की सेवाएं ली गई है, जो पक्षकारों को राजीनामा के लिए समझाईश दे कर प्रोत्साहित कर रहे हैं।
(TNS)