रायपुर। प्रदेश के एकमात्र शासकीय फिजियोथेरेपी कॉलेज में दो दशक बाद भी संचालन में अनेक दिक्कतों के साथ जूनियर डॉक्टर्स को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। दो स्थानों से झूलता संस्थान आधे मैनपावर से काम चल रहा है। इसके चलते शिक्षा प्रभावित हो रही। जूनियर डॉक्टर्स इसलिए नाराज हैं और हड़ताल पर अड़े हुए हैं।
मांगों को लगातार विभाग व शासन के पास रखा, पर कोई सुनवाई नहीं हुई इसलिए डॉक्टर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। यहां तक 20 पीजी की सीटों को लेकर भी राज्य सरकार ने प्रस्ताव को लटका रखा है। मामले में लिखित आश्वासन मिलने के बाद ही आंदोलन खत्म नहीं करने पर अड़े हुए हैं। उनका मानना है मामले में तत्काल पहल हो।
दो सप्ताह से जारी है हड़ताल
बता दें कि शासकीय फिजियोथेरेपी महाविद्यालय रायपुर में 4 सूत्रीय मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल पिछले 12 दिनों से जारी है। स्टायफंड बढ़ोत्तरी, हॉस्टल, ओपीडी और पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई शुरू कराने की मांग कर रहे हैं। हड़ताल की वजह से फिजियोथेरेपी का लाभ लेने वाले मरीज खासे परेशान हैं।
परेशानियां कोई सुनने को तैयार नहीं
मामले में छात्र अध्यक्ष यमंक साहू ने कहा कि हमारी परेशानियां कोई सुनने को तैयार नहीं है। जिम्मेदार ठोस पहल करना ही नहीं चाहता। स्वास्थ्य मंत्री एवं अधिकारियों से अब तक की बातचीत बेनतीजा रही है। जो आ रहे हैं सभी लोग मौखिक आश्वासन दे रहे हैं। पहले भी मौखिक आश्वासन दिया गया था, लेकिन मांग पूरी नहीं हुई है। जब तक लिखित में आश्वासन नहीं दिया जाता तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी। हमारी मांग नहीं मानी गई तो हम आमरण अनशन करेंगे। इसकी सूचना प्रशासन को दे दी गई है।
हॉस्टल न अन्य सुविधाएं
मांगों के संबंध में छात्रों ने बताया कि सत्र 2002 से शुरू हुए फिजियोथेरेपी कॉलेज में छात्रों के रहने के लिए आज तक हॉस्टल नहीं बनाया गया है। मांग करने पर जमीन चिह्नित तो की जाती है, लेकिन प्रशासन बाद में उसका उपयोग किसी और कार्य के लिए कर देता है। इधर फिजियोथेरेपी छात्र कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन अलग ओपीडी की व्यवस्था अब तक नहीं की गई है। ऐसे में प्रेक्टिकल करने के लिए उन्हें आंबेडकर अस्पताल जाना पड़ता है।
(TNS)