रायपुर। धर्मसंसद में कालीचरण महाराज के महात्मा गांधी को लेकर अनर्गल बयान के बिगड़ें माहौल के बीच राजधानी के गांधी मैदान में कांग्रेस नेताओं ने मौन धरना शुरू कर दिया। कांग्रेस द्वारा गांधी मैदान में गांधी हमारे अभिमान नाम मौन धरना का कार्यक्रम रखा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, कृषिमंत्री रविन्द्र चौबे, कवासी लखमा सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत में रघुपति राघव राजा राम, गांधी मेरा अभिमान सबको सन्मति दे भगवान जैसे भजन गाए गए।
इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कालीचरण महाराज के बयान के बाद उनकी गिरफ्तारी को पर छत्तीसगढ़ पुलिस को बधाईदी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस बधाई की पात्र है, ऐसे व्यक्ति को पकड़कर कोर्ट में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारी परंपरा में सभी शामिल होते हैं, दो दिन का धर्म संसद था जिसमें धार्मिक बातें होती हैं, हम किसी की आलोचना नहीं करते, सुधार की बात करते हैं। सुभाष चंद्र बोस के विचार महात्मा गांधी से अलग थे, वैचारिक मतभेद थे लेकिन रंगून से रेडियो के जरिए उन्होंने महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहा। सीएम भूपेश ने इस दौरान काली चरण को गाली चरण कहके भी संबोधित किया।
आपत्तिजनक भाषा का विरोध किया
सीएम बघेल ने कहा कि मंच पर महात्मा गांधी के खिलाफआपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया हम उसका विरोध करते हैं। कालीचरण महाराज का इसके पीछे क्या उद्देश्य था ये हमें नहीं पता। महापुरूषों ने महात्मा गांधी के बारे में क्या कहा वो महत्वपूर्ण है। रविन्द्र नाथ टैगोर ने गांधी को महात्मा कहा था तो क्या यह कालीचरण महाराज उनसे बड़े हैं। सीएम बघेले स्वामी विवेकानंद की बात करते हुए कहा कि विवेकानंद ने शिकागो में धर्म संसद में कहा था कि हम विश्व के सभी धर्मों को स्वीकार किया है, हमने सताए हुओं को अपने यहां स्थान दिया है। सीएम बघेल ने यह भी कहा कि विवेकानंद को विवेकानंद बनाने में छत्तीसगढ़ की माटी का भी अहम योगदान है. नफरत फैलाने वालों से सावधान रहने की जरूरत है, ऐसे लोग समाज के लिए कोढ़ हैं।
कोरोना संकट के दौर में आर्थिक मदद की जरूरत
सीएम बघेल ने यह भी कहा कि कोरोना के संकट के दौर में आर्थिक मदद करने की जरूरत है न कि धर्म को लेकर लड़ाई करने की। ईश्वर से अछूता कोई नहीं, हम सब उसी के अंश हैं, हम अहिंसा के राह पर चलते हैं। गांधी जी ने छत्तीसगढ़ के सुंदरलाल शर्मा को अपना गुरू कहा। गांधी जी ने सबसे बड़ा जो काम किया है वो है श्रम का सम्मान. मेहनत का सम्मान। हमारी सरकार गांधी के रास्ते पर चल रही है और धर्म के नाम पर लोगों को बांटने वाले गोडसे और सावरकर की राह पर चल रहे हैं। देश विभाजन के लिए गांधी नहीं जिन्ना और सावरकर जिम्मेदार हैं। हम नेहरू और गांधी के समाज को खंडित नहीं होने देंगे।
इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि देश ही नहीं पूरी दुनिया गांधी को महात्मा मानती है। काय्रक्रम के दौरान सीएम बघेल के साथ सभी कांग्रेस नेताओं ने शपथ भी लिया। हम सब शपथ लेते हैं गांधीजी के मुंह से निकले अंतिम शब्द हे राम की वेदना तथा उनके द्वारा प्रतिपादित शाश्वत मूल्यों को आत्मसात करेंगे तथा जन-जन तक उन्हें पहुंचाने, उनको सदा जीवंत रखने हेतु निरन्तर प्रयत्नशील होंगे।