नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने इस्लाम छोड़ दिया है और औपचारिक रूप से हिंदू धर्म अपना लिया है। उन्होंने अपना नाम बदल कर जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी कर लिया है। यह बात तो सबको पता है। मगर, उनकी अंतिम इच्छा ने खलबली मचा दी है। दरअसल, वह चाहते हैं कि मौत के बाद उन्हें दफनाया नहीं जाए और उनका अंतिम संस्कार किया जाए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार को डासना मंदिर के महंत नरसिम्हा आनंद सरस्वती ने रिजवी को औपचारिक रूप से हिंदू धर्म में परिवर्तित कर दिया था। रिजवी ने अपनी वसीयत में कहा था कि उनके शव का पारंपरिक हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए, न कि उनकी मृत्यु के बाद दफनाया जाना चाहिए। रिजवी ने यह भी उल्लेख किया कि उनकी अंतिम संस्कार की चिता गाजियाबाद के डासना मंदिर के एक हिंदू संत नरसिंह आनंद सरस्वती द्वारा जलाई जानी चाहिए।
बताते चलें कि शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व प्रमुख ने कुरान से 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर किया था, जिसके बाद वह विवादों में घिर गए थे। उन्होंने कहा था कि इन आयतों की वजह से आतंकवाद और जिहाद को बढ़ावा मिलता है। रिजवी ने कभी एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें अपने जीवन के लिए डर है क्योंकि कई कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों ने उनके सिर काटने का आह्वान किया था। रिजवी ने अपनी याचिका में दावा किया था कि पवित्र कुरान में आपत्तिजनक आयतें काफी बाद में जोड़ी गई हैं।
रिजवी ने अपनी याचिका में उल्लेख किया था कि इन आयतों को पहले तीन खलीफाओं द्वारा युद्ध द्वारा इस्लाम के विस्तार में सहायता के लिए कुरान में जोड़ा गया था। उनके अनुसार कट्टरपंथी इस्लामवादी और आतंकी समूह कुरान की इन आयतों का इस्तेमाल जिहाद को सही ठहराने के लिए करते हैं। रिजवी ने यह भी कहा कि इन आयतों का इस्तेमाल अशिक्षित मुस्लिम युवाओं को गुमराह करने के लिए किया जा रहा है, उन्हें जिहाद के लिए राजी किया जा रहा है।
हालांकि, शीर्ष अदालत ने याचिका को तुच्छ बताया था और उस पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। आधिकारिक तौर पर कुरान से आतंक-समर्थक छंदों को हटाने में विफल रहने के बाद, वसीम रिज़वी ने कुरान से उक्त 26 छंदों को हटाकर, एक नई इस्लामी पवित्र पुस्तक लिखी थी।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने 17 नवंबर को वसीम रिजवी के खिलाफ पैगंबर के खिलाफ कथित अपमानजनक बयान देने के लिए शिकायत दर्ज कराई थी।
हैदराबाद के पुलिस आयुक्त को संबोधित शिकायत में ओवैसी ने आरोप लगाया कि रिजवी ने हिंदी में एक किताब लिखी है, जिसमें उन्होंने पैगंबर मोहम्मद को बदनाम किया और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया। ओवैसी ने रिजवी द्वारा लिखी गई नवीनतम पुस्तक ‘मुहम्मद’ के खिलाफ अपनी आपत्ति जताई थी, जिसका विमोचन चार नवंबर को गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर से नरसिम्हा आनंद सरस्वती की उपस्थिति में किया गया था।