भिलाई। इस्पात नगरी भिलाई जितना यहां के स्टील प्लांट के लिए देशभर में मशहूर है वैसे ही एजुकेशन हब के रूप में भी इसकी पहचान पूरे देश में है। भिलाई का एक एजुकेशन मॉडल ऐसा भी है जिसे पूरे प्रदेश में अपनाया गया है। वह भी छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा। इस एजुकेशन मॉडल को पेश करने का श्रेय जाता है पूर्व महापौर व वर्तमान भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव को। हम यहां बात कर रहे हैं सरकारी इंगलिश मीडियम स्कूलों की।
देवेन्द्र यादव जब महापौर बने तभी से उनके विचार में इस एजुकेशन मॉडल ने घर कर लिया था। लेकिन इसे लागू करने में कुछ अड़चने थी। क्योंकि तब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार नहीं थी। महापौर बनने के ठीक तीन साल बाद प्रदेश में सरकार बदली और कांग्रेस की सरकार बनी। यही नहीं देवेन्द्र यादव भिलाई नगर से विधायक भी चुने गए। विधायक बनने के बाद तो उनके इस एजुकेशन मॉडल का मानों पंख लग गए। इसकी शुरुआत हुई और इस एजुकेशन मॉडल को छत्तीसगढ़ सरकार ने पूरे प्रदेश में लागू किया। नाम दिया शासकीय स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल।
पूरे प्रदेश में देवेन्द्र यादव की योजना को सराहना
यह वह समय था जब देवेन्द्र यादव की योजना को पूरे प्रदेश मे सराहना मिल रही थी। बात यहीं पर खत्म नहीं हुई। विधायक देवेन्द्र यादव ने सरकारी हिन्दी मीडियम स्कूलों को न सिर्फ अंग्रेजी माध्यम का बना रहे हैं बल्कि इन्हें और अधिक उपयोगी बनाने का प्रयास शुरू हुआ। देवेन्द्र यादव की पहल पर सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को स्मार्ट स्कूल बनाने का काम शुरू हुआ। वर्तमान में शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की तस्वीर बदल चुकी है। यहां हर वो सुविधा दी जा रही है जो किसी बड़े नीजी स्कूलों में मिलती है। या यूं कहें कि नीजी स्कूलों से भी ज्यादा बेहतर तरीके से शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को सवांरा जा रहा है।
ऐसे बदली सरकारी स्कूलों की काया
जब देवेन्द्र यादव ने इस दिशा में काम शुरू किया था तब उनके प्रयासों से खुर्सीपार व सेक्टर-6 में दो अंग्रेजी माध्यम के स्कूल शुरू हुआ। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी प्रदेश में स्कूली शिक्षा का स्तर सुधारने का बीड़ा उठाया और आज प्रदेश में 100 से अधिक शासकीय अंगेजी माध्यम के स्कूल संचालित हो रहे हैं। आज भिलाई में 12 अंग्रेजी माध्यम के स्कूल संचालित हो रहे हैं। यहां अनुभवि व प्रशिक्षित शिक्षक, डिजिटल क्लास रूम, ई लाइब्रेरी, आधुनिक केमेस्ट्री एवं फिजिक्स लैब, बेहतर फर्निचर और स्पोर्ट्स एक्टिविटी चलाई जा रही है।
छात्र जीवन से तय किया था लक्ष्य
भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव कहते हैं शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की शुरू से रही है। इसी को देखते हुए एनएसयुआई ज्वाइन किया। छात्र जीवन से ही इस दिशा में काम करना शुरू किया। छोटी उम्र में ही कांग्रेस पार्टी ने 2015 के नगर निगम चुनाव में महापौर प्रत्याशी बना दिया। हमने अपनी विचारधारा के साथ चुनाव लड़ा और एक बड़ी जीत हासिल की। नगर निगम मेयर के रूप में बड़ी जिम्मेदारी मिली और इस दौरान शासकीय स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया। देवेन्द्र यादव कहते हैं शिक्षा पर सभी का एक समान अधिकार होना चाहिए इसमें किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।
शपथ ग्रहण के साथ शुरू हुआ शिक्षा का यह मिशन
देवेन्द्र यादव ने महापौर बनने के बाद 11 जनवरी 2016 को शपथ ग्रहण करने के साथ ही अपने मिशन को शुरू कर दिया। इसके बाद 17 अप्रैल को स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर नगरीय निकायों में शासकीय स्कूलों को अपग्रेड कर स्मार्ट स्कूल खोलने की मांग की। 25 फरवरी 2017 को तात्कालीन स्कूली शिक्षामंत्री से मुलाकात कर स्मार्ट स्कूल का पूरा प्रस्ताव विस्तार पूर्वक बताया। देवेन्द्र यादव के इस प्रस्ताव पर स्कूली शिक्षामंत्री भी सहमत दिखे और उन्होंने इसके लिए संचालक को पत्र जारी कर जिला शिक्षा विभाग से अभिमत मांगे। सभी जिलों से इसके लिए सकारात्म पहल हुई। 6 अगस्त 2017 को तत्कालीन दुर्ग जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र मिला और शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का ड्राफ्ट तैयार किया गया। 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और इस योजना पर बड़े स्तर पर काम शुरू किया गया। एक वो दिन था और आज का दिन है प्रदेश में लगातार शासकीय हिन्दी माध्यम के स्कूलों का अपग्रेड किया जा रहा है। आने वाले समय में इनकी संख्या में और अधिक वृद्ध होगी और यह संभव हो सकता महापौर व भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव की दूरगामी सोच से।
(TNS)