तीरंदाज, राजनांदगांव। खैरागढ़ राज परिवार में विवाद बढ़ता ही जा रहा है। दिवंगत विधायक देवव्रत सिंह के बेटे आर्यव्रत सिंह व बेटी शताक्षी सिंह द्वारा अपनी सौतेली मा विभा सिंह को पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए मीडिया के सामने मदद की गुहार लगाई थी। उनकी इसी गुहार का परिणाम है कि खैरागढ़ में दिवंगत विधायक देवव्रत सिंह के समर्थक पैलेस में घुस गए।
यह घटना मंगलवार शाम की है। खैरागढ़ में दिवंगत विधायक देवव्रत सिंह के कमल विलास पैलेस में कई समर्थक घुसे और बच्चों को पक्ष में विभा सिंह से बहस करने लगे। यही नहीं खैरागढ़ राज परिवार के सदस्य भी विभा सिंह के खिलाफ खड़े हो गए हैं। खैरागढ़ रियासत के अंतर्गत आने वाले छुई खदान, गंडई, उदयपुर आदि क्षेत्रों में लोगों से समर्थन भी मांगा गया। इसके बाद बड़ी संख्या में दिवंगत विधायक देवव्रत सिंह के समर्थक कमल विलास पैलेस पहुंचे और नारेबाजी करने लगे। इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिस भी लोगों को महल के अंदर जाने से रोक नहीं पाई।
उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही दिवंगत विधायक देवरी के बच्चों आर्यव्रत सिंह व शताक्षी सिंह ने एक दिन पहले प्रेस वार्ता के माध्यम से अपनी सौतेली मां विभा सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए। बच्चों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि उनकी सौतेली मां उन्हें बेहद प्रताड़ित करती हैं। उनकी गाड़ियों की चाबी नहीं देती। ऑफिस में ताले लगाए जा रहे हैं और हर तरह से ताना मारती हैं। यही नहीं उन्होंने अपने पिता की मौत पर भी सवाल उठाए थे। बच्चों ने कहा था कि उनके पिता की मौत सामान्य नहीं है आए दिन उनकी सौतेली मां के साथ उनका झगड़ा होता था। इसकी वजह से उनके पिता काफी परेशान रहते हैं। यही कारण है कि उन्हें दिल की बीमारी से सहित कई बीमारियों ने घेर लिया। जिससे उनकी आकस्मिक मौत हुई।
इधर विरोध के बाद रानी विभा सिंह ने लोगों के सामने अपना पक्ष रखा। उन्होंने बच्चों द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि वे कभी बच्चों को प्रताडित नहीं करती। चाबी छीने जाने को लेकर उन्होंने कहा कि राजा देवव्रत सिंह के दोनों बच्चों की जिम्मेदारी उनकी है उनकी सुरक्षा को देखते हुए गाड़ी की चाबी ली थी। वही ऑफिस ऑफिस में जरूरी दस्तावेज होने के कारण उसकी सुरक्षा के ताला लगाया गया है।