रायपुर। छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालयों में दूसरे राज्यों के कुलपतियों को नियुक्ति दिए जाने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आपत्ति दर्ज कराई है। सीएम ने मामले पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और हैं। बता दें कि दुर्ग जिले के पाटन में स्थापित हार्टीकल्चर यूनिवर्सिटी के पहले कुलपति बनाये गए डॉ. आरएस कुरील पर 47 करोड़ की गड़बड़ी का आरोप है।
सीएम बघेल ने मामले पर राज्यपाल से सवाल किया कि उन्हें वाइस चांसलर नियुक्त करने का अधिकार है, तो वे छत्तीसगढ़ियों की नियुक्ति क्यों नहीं करती। मुख्यमंत्री ने गवर्नर से सवाल किया कि क्या हमारे राज्य में प्रतिभा की कमी है? कोई यूपी से आ रहा है, तो कोई दिल्ली, किसी को झारखंड से कुलपतियों की नियुक्ति दी जा रही है। छत्तीसगढ़ में जितनी नियुक्तियां हो रही हैं उनमें छत्तीसगढ़ियों की नहीं हो रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्यपाल अनुसुईया उइके के एक कार्यक्रम में दिए बयानों को लेकर नाराज हैं। इसलिए मुख्यमंत्री ने तीखा हमला बोला है। इसके अलावा उन्होंने राज्यपाल पर कई और सवाल किए हैं।
राज्यपाल ने कहा था अगर मैं चाहूं तो..
मामले के अनुसार कल गुरुवार को मेले में बतौर मुख्य अभ्यागत पहुंची राज्यपाल अनुसुइया उइके ने आदिवासियों की सुरक्षा के मुद्दे पर नाराजगी पेश की थी। राज्यपाल ने कहा था कि आदिवासी क्षेत्रों में जबरदस्ती नगर पंचायत और नगर पालिका क्यों बना रहे हैं? अगर क्षेत्र के आदिवासियों का सर्वसम्मति प्रस्ताव है, तब बनाएं। अगर मैं चाहूं तो सभी नगर पंचायत और पालिका को निरस्त कर सकती हूं। ये अधिकार गवर्नर को है, लेकिन मैं ऐसा नहीं चाहती कि वाद-विवाद की स्थिति उत्पन्न हो।
..लेकिन जो बना है उसे क्यों उजाड़ रहे हैं?
बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उसी मेले में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। जहां उन्होंने कहा कि नई नगर पंचायत और नगर पालिका नहीं बना रहे हैं, लेकिन जो बना है उसे क्यों उजाड़ रहे हैं? इसमें राजनीति नही होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें वाइस चांसलर नियुक्त करने का अधिकार है, तो वे छत्तीसगढ़ियों की नियुक्ति क्यों नहीं करती हैं? क्या छत्तीसगढ़ में प्रतिभा की कमी है?। किसी को उत्तर प्रदेश से बुला रहे हैं, तो कोई दिल्ली, झारखंड से। छत्तीसगढ़ में जितनी नियुक्तियां हो रही हैं, छत्तीसगढ़ियों की नहीं हो रही है।
ये है पूरा मामला
छत्तीसगढ़ के पाटन ब्लॉक में महात्मा गांधी उद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय की शुरूआत की गई है। यहां के प्रथम कुलपति की नियुक्ति राजभवन के आदेश पर डॉ. रमाशंकर कुरील की की गई है। डॉ. कुरील का विवादों से पुराना नाता है। हाल में उन पर 47 करोड़ के घोटाले का आरोप है। विवादित डॉ. कुरील वर्तमान में नोएडा स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ हार्टिकल्चर टेक्नालॉजी के डायरेक्टर हैं। जांच समिति ने रिपोर्ट में पेंटिंग के नाम पर 1.54 करोड़, वहीं सड़क मरम्मत के नाम पर 74 लाख से ज्यादा खर्च बताया गया है। डॉ. रमाशंकर कुरील द्वारा छह महीने में खर्च किए गए 46,96,60,774 रुपये पर जांच समिति ने सवाल उठाए हैं।
(TNS)