रायपुर। छत्तीसगढ़ में महिला स्व-सहायता समूह को उनका हक दिलाने भाजपा महिला मोर्चा ने बीड़ा उठा लिया है। दरअसल, रेडी टू ईट पोषण आहार का काम महिला स्व-सहायता समूह से छीन लिए जाने के बाद उसे मशीनों से कराने के भूपेश बघेल सरकार के फैसले को लेकर विरोध होने लगा है। इसकी वजह से हजारों महिलाओं का रोजगार छिन जाने का खतरा है। इसे लेकर राजधानी रायपुर में जिला अध्यक्ष सीमा साहू के नेतृत्व में महिला मोर्चा की पदाधिकारियों ने राज्यपाल के नाम से कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
महिला मोर्चा की सदस्यों ने राज्य सरकार द्वारा किए गए वादे को अब तक पूरा नहीं किए जाने पर रोष जाहिर किया। सीमा साहू ने कहा कांग्रेस सरकार घोषणा पत्र में महिला स्व-सहायता समूह के कर्जे माफ करने और उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए कई वादे किए थे। लेकिन जब से सरकार बनी हैं, महिलाओं के साथ छल ही किया जा रहा है।
पूर्व में भाजपा सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनाने के लिए आंगनबाड़ी में रेडी टू ईट पोषण आहार को महिला स्व-सहायता समूह को दिया गया था। प्रदेश में महिलाएं इस कार्य को सुचारू रूप से और गुणवत्ता पूर्ण रूप से संपादित कर रही हैं। इस कार्य में प्रदेश में 20 हजार से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं। मगर, भूपेश बघेल ने गुणवत्ता में कमी का बहाना बनाकर महिला स्व-सहायता समूहों से वह काम भी छीन लिया है।
साहू ने कहा कि महिला विरोधी कांग्रेस सरकार की मंशा निजी संस्था को लाभ देने और महिलाओं को आर्थिक रूप से चोट पहुंचाना है। प्रदेश की सशक्त हो रही महिलाओं को कमजोर करने और संस्था विशेष, उसके निजी भागीदार को फायदा पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। इस दौरान ममता साहू, शैलेंद्री परघनिया, सोना वर्मा, वंदना मुखर्जी, मिनी पांडे, सविता चंद्राकर, किरण बघेल, प्रीति परघनियां, आशा दुबे, रूपाली हर्षिला, अचला स्वामी, नीतू पांडे, विमला कुमार, उमेश्वरी चंद्राकर सहित महिला मोर्चा की प्रदेश, जिला एवं मंडल के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद थे।