भिलाई। आस्था वृद्धाश्रम परिसर, सेक्टर-2 में साहित्याचार्य डॉ. महेशचन्द्र शर्मा ने वहां निवासरत बुजुर्गों को गर्म कपड़ों का वितरण किया। इस दौरान उन्होंने बुजुर्गों से चर्चा कर सुख-दुख बांटे।
वृद्धाश्रम में बुजुर्गों को डॉ. शर्मा ने कोट, जैकेट, कुर्ता-पायजामा के साथ पेंठ-कमीज सौंपे। संस्था प्रमुख प्रकाश गेडाम की मौजूदगी में बुजुर्गों ने पेंठ-कमीज पहन कर देखा और खुशी जाहिर की। इस अवसर पर लेखन के साथ सामाजिक सरोकार के प्रति झुकाव रखने वाले आचार्य डॉ. शर्मा ने कहा नर सेवा ही नारायण सेवा है। समाजिक संवेदना और साहित्य अभिन्न हैं।
इस दौरान बुजुर्गों के चेहरे पर खुशी देखकर वृद्धजनों की सेवा में संलग्न संस्था प्रमुख प्रकाश गेडाम की डॉ. शर्मा ने सराहना की। कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है इसलिये संवेदना मानव सेवा में भी दिखनी चाहिए। यही जीवन का सार है। उन्होंने कहा मानव जीवन में आए हैं तो कुछ अच्छा कर जाएं। इस उम्र में बुजुर्गों को केवल सेवा की जरूरत पड़ती है। दो मीठे बोल बोलने से उनके चेहरे पर मुस्कान छा जाती है।
बता दें कि कॉलेज में प्राचार्य रहते हुए डॉ. महेशचंद्र शर्मा ने “नेकी की दीवार” और ” रोज़गार परक प्रशिक्षण” आदि अनेक जनसरोकार के कार्यों में सक्रियता से संलग्न रहे। जीवन के 66वें वर्ष में भी साहित्य सेवा के साथ समाज सेवा में वे लगे रहते हैं।
(TNS)