रायपुर। प्रदेश में सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) की सख्ती के बाद चिटफंड डायरेक्टरों (chit fund director) के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। इस बीच, रायपुर और महाराष्ट्र से दो-दो फरार डायरेक्टरों को गिरफ्तार किया गया है। जानकारी के अनुसार रायपुर पुलिस ने गोल्ड इंफ्रावेंचर (Gold Infraventure) के 2 फरार डायरेक्टरों धनेश कुमार वर्मा और गोवर्धन प्रसाद वर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस कंपनी के खिलाफ धरसींवा के किसान सनद कुमार साहू ने डीडी नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी कि फरवरी-मार्च 2015 में कंपनी ने 6 साल में रकम दोगुना कर उससे 70 हजार रुपए निवेश कराए थे, लेकिन तय समय के बाद उन्हें रकम नहीं दी गई।
वहीं पुलिस ने चिटफंड कंपनी बीएन गोल्ड के डायरेक्टर अनिल शर्मा और आनंद निर्मलकर को महाराष्ट्र से पकड़ा गया है। बताया जाता है कि दोनों आरोपी बार-बार अपना ठिकाना बदल रहे थे। दोनों के खिलाफ प्रदेश के विभिन्न जिलों से 17 अपराध दर्ज हैं। उन्होंने मिलकर 21 करोड़ की ठगी की है। चिटफंड के प्रकरणों में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी व निवेशकों की धन वापसी के लिए एसपी दीपक कुमार झा ने निर्देश दिए हैं।
चिटफंड कंपनियों की फोरेंसिक ऑडिट होगी
चिटफंड कंपनियों की प्रापर्टी नीलाम और कुर्क करने कार्रवाई के बीच पुलिस अब उनका फोरेंसिक ऑडिट (Forensic Audit) करेगी। फोरेंसिक ऑडिट से चिटफंड कंपनियों की गुप्त प्रापर्टी और शैल कंपनियों में किए गए निवेश का पता लगाएगी। पुलिस को शक है कि कई कंपनियों ने लोगों के पैसे शैल कंपनियों में इनवेस्ट किए हैं। इस वजह उन पैसों और प्रापर्टी का पता नहीं चल पा रहा है। इसमें एक-एक कंपनी और उसके डायरेक्टरों के खातों को खंगाला जाएगा। जरूरत पड़ने पर उनके करीबी रिश्तेदारों के खातों की भी जांच की जाएगी।
(TNS)