नई दिल्ली (New Delhi) (बर्नपुर)। विवादों के बीच स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (SAIL) के कर्मियों के 58 महीने से लंबित वेतन समझौता (salary settlement) हो गया है। इस्पात मंत्रालय (Ministry of Steel) ने आखिरकार खींचतान के बाद मुहर लगा (stamped) दी है। इससे 55 हजार इस्पात कर्मियों और हजारों अधिकारियों का इंतजार खत्म हो गया है। अप्रैल 2020 से लेकर अब तक के बकाया एरियर (Arrears) का भुगतान किया जाएगा।
समझौते के तहत अधिकारियों को एरियर के रूप में भारी भरकम राशि मिलने वाली है। वेतन समझौते के एमओयू पर तीन यूनियनों और प्रबंधन के हस्ताक्षर के बाद सेल की बोर्ड बैठक में कल शाम इस्पात मंत्रालय की मंजूरी मिल चुकी है। अब राशि कर्मियों और अधिकारियों के खाते में भेजने की तैयारी की जा रही है।
समझौते पर यूनियनों ने हस्ताक्षर किए
इस्को आफिसर्स एसोसिएशन (IISCO Officers Association) के अध्यक्ष (President) सुशील सुमन ने मामले में कहा कि अधिकारियों एवं कर्मियों के वेतन समझौते को इस्पात मंत्री ने मंजूर कर लिया है। शीघ्र ही आदेश जारी होगा। जल्द ही एरियर भुगतान भी होगा।
दिवाली से पहले राशि भेजनी थी, पर प्रक्रिया में देरी की
एमओयू साइन होने के बाद ही यूनियन नेताओं ने कहा था कि 3 नवंबर तक यानी कि दिवाली से पहले कर्मियों के खाते में अप्रैल 2020 से बकाया एरियर की राशि भेज दिए जाएंगे, लेकिन दिवाली बीता, छठ भी गया पर राशि न आने से कर्मियों में भारी नाराजगी देखी गई। आखिरकार राउरकेला चुनाव खत्म होने के बाद समझौते पर इस्पात मंत्री ने साइन किया। अब संभावना है कि 18 से 22 तक एरियर का भुगतान होगा।
S-1 से S-11 ग्रेड के कर्मियों को 80 हजार से ढाई लाख तक भुगतान
यूनियन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सेल के एस वन ( S-1) से लेकर S11 ग्रेड के कर्मियों को न्यूनतम 80 हजार और अधिकतम ढाई लाख के एरियर का भुगतान होगा। इसमें मामूली अंतर हो सकता है। यूनियन नेताओं द्वारा संभावित कैलकुलेशन के आधार पर राशि मिलने की संभावना जताई जा रही है। कर्मी भी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि कब उनके खाते में एरियर की राशि का भुगतान हो।
बैठक में बहुमत, यानी कि 3 यूनियन के समर्थन का मिला लाभ
बीते 21 और 22 अक्टूबर को नई दिल्ली के अशोका होटल में हुई बैठक में दो यूनियनों के विरोध के बावजूद बहुमत, यानी कि 3 यूनियन के वेतन समझौते के समर्थन में होने के कारण प्रबंधन ने इसे मंजूर कर लिया। उल्लेखनीय है कि कर्मी पहले 15 फीसदी एमजीबी (MGB), 35 फीसदी वेरिएबल पर्क्स (Variable Perks) और नौ फिसदी पेंशन फंड (pension funds) में योगदान की मांग कर रहे थे। जबकि समझौता 13 फ़ीसदी एमजीबी और 26.5 फ़ीसदी वेरिएबल पर्क्स पर हुआ है।
इस एमओयू के खिलाफ है सीटू
उन्होंने बताया वहीं पेंशन फंड एचआरए 2017 से बकाया एरियर और अन्य मुद्दों को लेकर सब कमेटी गठन करने का आश्वासन दिया गया है, जिसमें प्रत्येक यूनियन के 2 प्रतिनिधि रहेंगे। वहीं सीटू इस एमओयू के खिलाफ आन्दोलन कर रही है। मामले मे कल सभी प्लांटों में विरोध प्रदर्शन भी किया गया।
पर्क्स भुगतान में अंतर को लेकर कर्मी उठा रहे सवाल
सेल के गैर अधिकारी कार्मिकों ने अफसरों के तर्ज पर 35 प्रतिशत पर्क्स की डिमांड रखी थी, लेकिन चर्चा लंबा खींचने के कारण उन्हें 26.5 प्रतिशत पर्क्स पर समझौता करना पड़ा। इससे पहले बेसिक का 6 प्रतिशत वेरिएबल पर्क्स के साथ 3184 से लेकर 4574 रुपए तक फिक्स भत्ता मिलता था, जो मूल वेतन का 15 से 24 प्रतिशत होता था।
2017 से मार्च 2020 के एरियर्स के लिए सामने आना होगा
अधिकारियों को एक अप्रैल 2020 से पर्क्स का भुगतान मिलेगा, जबकि कर्मियों को पर्क्स का एरियर नहीं मिल रहा। वहीं 2017 से मार्च 2020 के 39 महीने का एरियर्स भुगतान के लिए यूनियनों को सामने आना होगा। उन्होंने इसके लिए अफसरों के संगठन सेफी का हवाला भी दिया। कर्मियों का कहना है कि जब अफसरों के 2007 के 11 महीने के बकाया पर्क्स भुगतान के लिए सेफी कोर्ट जा सकती है, तो यूनियनों को भी कर्मियों के हक के एरियर्स भुगतान के लिए संघर्ष का रास्ता अपनाना होगा। आक्रोशित कर्मी एनजेसीएस को भंग करने तथा जिन प्लांटों में चुनाव नहीं होता है, वहां यूनियन की मान्यता के लिए चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।
कर्मियों को ऐसे मिलेगा संभावित लाभ
कर्मियों का 18 महीने का एरियर S-1 78,895, S-2 84,651 रुपये S-3 92,337 रुपये, S-4 110,500 रुपये, एस-5 115,900 रुपये एस-6 136,200 रुपये, एस-7 152,268 रुपये, एस-8 165,380 रुपये, एस-9 1,83,100 रुपये एस-10 2,08,491 रुपये, एस-11 2,48,168 800 ( नोट : यह एरियर की राशि 01 अप्रैल 2020 से अक्टूबर 2021 तक की संभावित है।)
(TNS)