रायपुर (Raipur)। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में पहली बार स्वयं सेवक संघ का बड़ा आयोजन किया जा रहा है। मुंगेली (Mungeli) जिले के मदकुद्वीप (Madkudweep) में बड़ी संख्या में आरएसएस (RSS) के सदस्य आए हुए हैं। जहां अभ्यासवर्ग चल रहा है।
सर संघचालक (sir sanghchalak) मोहन भागवत की मौजूदगी में पहली बार छत्तीसगढ़ लोकगीत (Folk song) ‘तोर कतका करवं बखान’ की धुन के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का घोष कार्यक्रम शुरू हुआ है। स्वयं सेवकों ने इस दौरान सात तरह के वाद्य यंत्रों (musical instruments) के साथ घोष प्रदर्शन किया। इस दौरान देशभक्ति से ओरप्रोत दृश्य देखते ही बन रहा था।
छत्तीसगढ़ महतारी की भक्ति की बही बयार
हर साल माघ महीने में मदकुदीप में मेला लगता है, जिसमें बड़ी संख्या में प्रदेशभर से मसीही समाज के लोग जुड़ते हैं। इसी स्थल पर आयोजित संघ के घोष कार्यक्रम की शुरुआत छत्तीसगढ़ी लोकगीत ‘तोर कतका करवं बखान मोर धरती मैया जय होवय तोर’ से हुई, तो पूरा माहौल धरती माता की भक्ति की बयार से सराबोर हो गया। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री (former chief minister) डॉ. रमन सिंह, नेता-प्रतिपक्ष (opposition leader) धरम लाल कौशिक, वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय, विधायक पुन्नूलाल मोहिले, शिवरतन शर्मा आदि भागीदारी निभा रहे हैं।
इन मुद्दों पर रख सकते हैं बात
यहां सर संघचालक मोहन भागवत स्वयंसेवकों को संबोधित भी करेंगे। माना जा रहा है कि इस अवसर पर वे हिंदुत्व, धर्मांतरण, पर्यावरण, ग्राम विकास जैसे मुद्दों पर संघ की बात को रख सकते हैं। आयोजन के लिए संघ ने व्यापक तैयारी की हुई है।
मण्डूक ऋषि की तपोभूमि है मदकुद्वीप
बता दें कि मदकुद्वीप में 100 सालों से प्रदेश का सबसे बड़ा ईसाई मेला लग रहा है। समूचे इलाके में ईसाई समुदाय का प्रभाव है। पास ही स्थित बैतलपुर में मध्य भारत का सबसे बड़ा मिशनरी अस्पताल स्थापित हुआ था। यहीं मध्य भारत का पहला कुष्ठ अस्पताल भी था। शिवनाथ नदी पर स्थित मदकुद्वीप को मण्डूक ऋषि की तपोभूमि भी माना जाता है। यहां खुदाई में प्राचीन मंदिरों का समूह मिला है।
(TNS)