नई दिल्ली। दिल्ली के गौतम बुद्ध नगर के जेवर में बन रहा इंटरनेशनल एअरपोर्ट दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एअरपोर्ट होगा। इसका शिलान्यास गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने किया। बताते चलें कि 5845 हेक्टेयर जमीन पर 29 हजार 650 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस एयरपोर्ट से एक लाख से अधिक लोगों के लिए रोजगार के मौके मिलेंगे।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जेवर एयरपोर्ट राष्ट्र के विकास में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि पिछले 70 वर्षों से उत्तर प्रदेश में केवल दो एयरपोर्ट थे। मगर, पिछले सात वर्षों में राज्य में नौ एयरपोर्ट बन चुके हैं और अब जेवर एयरपोर्ट बनने के साथ ही उनकी संख्या 10 हो जाएगी। जल्द ही राज्य में 17 एयरपोर्ट देखने को मिलेंगे।
पहले सिर्फ 25 गंतव्यों के लिए उड़ान की सुविधा थी, जिसे बढ़ाकर अब 80 गंतव्यों तक पहुंचा दिया गया है। जेवर एयरपोर्ट इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पड़ने वाले बोझ को कम करेगा और दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद और पड़ोसी क्षेत्रों के लोगों को आवाजाही में मदद करेगा।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, इस ग्रीनफील्ड परियोजना को चार चरणों में लागू किया जाएगा, जिसका पहला चरण 36 महीने के निर्माण के बाद पूरा होगा। हवाईअड्डे के पहले चरण के पूरा होने के बाद इसकी सालाना क्षमता 1.2 करोड़ यात्रियों की होगी। देश के इस पहले शुद्ध-शून्य उत्सर्जन हवाई अड्डे की इस परियोजना स्थल के पेड़ों का उपयोग करके एयरपोर्ट के एक हिस्से को जंगल पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, एयरपोर्ट पर एक ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर विकसित किया जाएगा, जिसमें एक मल्टीमाडल ट्रांजिट हब, हाउसिंग मेट्रो और हाई-स्पीड रेल स्टेशन, टैक्सी, बस सेवाएं और निजी पार्किंग की सुविधा होगी। इससे हवाईअड्डे को सड़क, रेल और मेट्रो से जोड़ा जा सकेगा।
(TNS)