रायपुर। देवगुरु ब्रहस्पति 12 साल के बाद 20 नंबवर की रात करीब आठ बजे अपनी नीच की मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। हालांकि, मकर की तरह ही कुंभ भी शनि के स्वामित्व वाली राशि है, लेकिन फिर भी मकर में गुरु नीच के होते हैं, इसलिए वहां उनका बड़ा असर नहीं दिखता है। वहीं कुंभ में आने पर गुरु का नीचत्व भंग होने से कई जातकों के जीवन में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। कानपुर के बलखंडेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित अजय शास्त्री ने बताया कि गुरु और शनि की आपस में शत्रुता नहीं होती है।
कुंभ राशि में स्थित होकर गुरू की दृष्टि मिथुन, सिंह और तुला राशि पर होगी। कुंभ राशि में गुरु के गोचर से राजनीतिक बदलाव लाने में वह सक्षम होगा। इसके साथ ही महंगाई में कमी, जमीन की कीमतों में गिरावट के साथ ही रोगों में कमी और करों का बोझ कम होने की संभावना है।
राशियों पर असर
मेष राशि वाले जातकों के लिए 11वें घर में स्थित गुरु अप्रत्याशित सफलताएं दिलाएगा। धन लाभ के साथ ही प्रतिष्ट् बढ़ेगी। वहीं वृष राशि वाले जातकों को व्यापार, नौकरी में लाभ, वाहन सुख दिला सकता है। उधारी खत्म होगी। मिथुन राशि वाले जातकों के स्वास्थ्य में सुधार होगा। धार्मिक आयोजन होंगे। अटका हुआ धन मिलेगा। कर्क राशि वाले जातकों के खर्चे बढ़ेंगे, लेकिन व्यापार में लाभ होगा। निवेश करने से बचें। सिंह राशि वाले जातकों के विवाद खत्म हो सकते हैं और नौकरी व व्यापार में मुनाफा हो सकता है। कन्या राशि वाले जातकों को अपने व्यवहार में शालीलनता रखनी चाहिए। सतर्क रहें।
तुला राशि वाले जातकों की योजनाएं सफल होने से उत्साहित रहेंगे। पद और सम्मान प्राप्ति हो सकती है। वृश्चिक राशि वाले जातकों को धन हानि हो सकती है, लिहाजा निवेश करने में सावधानी बरतें। धनु राशि वाले जातकों को सफलता मिलेगी, व्यापार और नौकरी में लाभ मिलेगा। मकर राशि वाले जातकों को धन लाभ होगा। नौकरी व्यापार में सफलता मिलेगी और जिनकी शादी नहीं हुई है उनके विवाह के योग बनेंगे। कुंभ राशि वाले जातकों के शत्रु खत्म होंगे। चौतरफा लाभ मिल सकता है। धनु राशि के जातकों को धन लाभ हो सकता है। अटके काम बन सकते हैं।
(TNS)