रायपुर। सर्वाधिक स्वच्छ प्रदेश का खिताब मिलने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को शनिवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने स्वच्छता पुरस्कार दिया। इसे लेकर जब वह रायपुर एयरपोर्ट पहुंचे, तो पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ जनता ने ढोल और नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया और उन्हें हाथों-हाथ उठा लिया। भूपेश बघेल की जयकार ने नारों के साथ ही पुष्पवर्षा की जा रही थी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस दौरान कहा छत्तीसगढ़ ने कीर्तिमान रचा है। इसके लिए सभी छत्तीसगढ़वासियों को बधाई देता हूं। छत्तीसगढ़ को तीसरी बार प्रथम पुरस्कार मिला है। इसे बरकार रखना हमारे लिए चुनौती। हमने छत्तीसगढ़ में सफाई को अर्थव्यवस्था से जोड़ा है। देश में अब छत्तीसगढ़ मॉडल ही चलेगा, गुजरात का मॉडल तो फेल हो गया।
बताते चलें कि स्वच्छता के क्षेत्र में राष्ट्रपति द्वारा दिए जाने वाले 239 पुरस्कारों में से 67 पुरस्कार छत्तीसगढ़ को दिए गए हैं, जो अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। छत्तीसगढ़ को न सिर्फ़ राज्य के रूप में, बल्कि यहां के 61 शहरी निकायों को भी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया। छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य है जिसके सबसे ज्यादा निकाय पुरस्कृत किए जा रहे हैं। स्वच्छता के मामले में छत्तीसगढ़ वर्ष 2019 एवं 2020 में भी अग्रणी राज्य रहा है।
बताते चलें कि भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने लगातार तीसरे साल स्वच्छतम राज्य का राष्ट्रीय पुरस्कार छत्तीसगढ़ ने जीता है, तो इसका श्रेय छत्तीसगढ़ के पौने तीन करोड़ लोगों को जाता है। मैं विशेष रूप से राज्य की महिलाओं को इसका श्रेय देना चाहूंगा, जिन्होंने शहरों से लेकर गांवों तक स्वच्छता की एक नई संस्कृति का निर्माण किया है।
छत्तीसगढ़ देश का ऐसा एक मात्र प्रदेश है जहां पर नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी के सिद्धांतों के अनुरूप 9000 से अधिक स्वच्छता दीदियों द्वारा घर-घर से 1600 टन गीला एवं सूखा कचरा एकत्रीकरण करते हुए वैज्ञानिक रीति से कचरे का निपटान किया जा रहा है। इसके अलावा भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को देश का प्रथम ओडीएफ़ प्लस प्लस राज्य घोषित किया गया है।