रायपुर। छत्तीसगढ़ के चंदखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर में पहली बार हुए इस भव्य आयोजन के पीछे सैकड़ों श्रद्धालुओं का सहयोग और समर्पण शामिल रहा। दिन भर धार्मिक आयोजन के बाद दीप जलाने का उपक्रम शुरू हुआ तो लोगों ने सहयोग के जरिए प्रभु श्रीराम में अपनी आस्था का प्रदर्शन किया। दीप प्रज्जवलित करने के लिए 600 वालेंटियर शाम पांच बजे से सक्रिय हो गए। दीयों में भरने के लिए करीब 1800 लीटर तेल का इंतजाम किया गया।
दीपक जलाने की प्रक्रिया शाम पांच बजे से दीयों को सजाने से शुरू हुई। एक टीम ने दीप सजाए तो दूसरी ने उनमें बाती रखने का काम किया गया। तीसरी टीम ने दीयों में तेल भरने का दायित्व उठाया। दीयों में तेल डालने के साथ ही उन्हें जलाने का काम शुरू किया गया। योजनाबद्ध तरीके से करने के कारण पहली बार हो रहे इस आयोजन में किसी तरह की समस्या दिखाई नहीं दी। इस पूरी काम में राजीव मितान क्लब के युवाओं ने सक्रिय सहयोग किया। जबकि इतनी ही निष्ठा से चंदखुरी के ग्रामीण व अन्य जिलों से आए लोगों ने भी काम किया। 100-100 के क्रम में दीपकों को सजाया गया, ताकि 51 हजार की संख्या में एक भी दीये की कमी न हो।
आसपास के कुम्हारों से खरीदे गए दीये
कार्यक्रम में इस बात का भी ध्यान रखा गया कि आयोजन से स्थानीय लोगों को लाभ मिले। इसी बात को ध्यान में रखकर आसपास के कुम्हारों से दीयों की खरीदी की गई। टूट-फूट के कारण दीये कम न पडें, इसलिए 51 हजार की जगह 55 हजार दीपक कुम्हारों से खरीदे गए। ऐसा करने से आसपास के कुम्हारों की दीपावली भी खुशियों वाली साबित हुई।
अयोध्या में भी 51 हजार दीयों से हुई थी दीपोत्सव की शुस्र्आत
चार साल पहले यानी 2017 में अयोध्या में भी दीपोत्सव की शुस्र्आत 51 हजार दीयों से हुई थी। लेकिन चंदखुरी में श्रीराम के ननिहाल में इस तरह के आयोजन की उम्मीद किसी ने नहीं की थी। अयोध्या की तरह माता कौशल्या के मंदिर में 51 हजार दीयों से उत्सव की शुस्र्आत से माता के मंदिर को बड़ी पहचान मिलेगी।
(TNS)