रायपुर। छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) शासन की जल संरक्षण (water conservation) योजना (schemes) का लाभ ग्रामीणों को मिलने लगा है। नरवा विकास (narva development) योजना से जल का संरक्षण हो रहा है। वनांचल क्षेत्र में 392 करोड़ रुपए से 38 लाख संरचनाओं का निर्माण हो रहा है। 1962 नालों से 8 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित (irrigated land) होगी।
मुख्यमंत्री (Chief Minister) भूपेश बघेल की विशेष पहल और वन एवं जलवायु परिवर्तन (Forest and Climate Change) मंत्री (Minister) श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य के वन क्षेत्रों में भू-जल संरक्षण तथा संवर्धन के लिए बड़े तादाद में जल स्रोतों, नदी-नालों और तालाबों को पुनर्जीवित करने का कार्य लिया गया है। इसके लिए नरवा विकास योजना के तहत कैम्पा की वार्षिक कार्ययोजना 2021-22 में 392 करोड़ रुपाए से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है। इसमें 01 हजार 962 नालों के 8.17 लाख हेक्टेयर जल ग्रहण क्षेत्र में 37 लाख 99 हजार भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है।
30 वन मंडलों के नालों में भू-जल संवर्धन
वन मंत्री अकबर ने बताया कि इसके तहत प्रदेश के दो राष्ट्रीय उद्यान (National Park), दो टाईगर रिजर्व (tiger reserve), 01 सामाजिक वानिकी (social forestry) तथा 01 एलीफेंट रिजर्व (Elephant Reserve) सहित 30 वन मंडलों के नालों में भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाएं निर्मित की जा रही है। राज्य प्रतिकरात्मक वनरोपण, निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा) मद से बनने वाली इन जल संग्रहण संरचनाओं से लोगों और वन्य प्राणियों के लिए पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। आस-पास की भूमि में नमी बनी रहेगी। हरियाली में भी वृद्धि होगी।
एलीफेंट रिजर्व सरगुजा के 64 नालों में विशेष काम
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (Conservator of Forests) एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि नरवा विकास योजना के तहत कैम्पा की वार्षिक कार्ययोजना 2021-22 के अंतर्गत गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान सरगुजा के 50 नालों में 96 हजार 850 तथा कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान जगदलपुर के 7 नालों में 13 हजार 559 संरचनाओं का निर्माण है। इसी तरह इन्द्रावती टायगर रिजर्व बीजापुर के 93 नालों में एक लाख 80 हजार 847 तथा अचानक मार्ग टायगर रिजर्व लोरमी के 52 नालों में एक लाख से अधिक संरचनाओं का निर्माण हो रहा है। एलीफेंट रिजर्व सरगुजा के 64 नालों में एक लाख 23 हजार 580 तथा अनुसंधान एवं विस्तार जगदलपुर के अंतर्गत 33 नालों में 63 हजार से अधिक संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है।
(TNS)