देवास। मध्य प्रदेश में गाहे-ब-गाहे ऐसे कांड होते रहते हैं, जो मध्य प्रदेश पर्यटन के विज्ञापन ‘एमपी गजब है” को चरितार्थ करते हैं। हालिया कांड चोरों ने किया था। उनकी डिप्टी कलेक्टर को लिखी चिट्ठी मीडिया की सुर्खियों में बनी थी। चोरों ने न केवल डिप्टी कलेक्टर के घर में धावा बोलने का दुस्साहस किया था, बल्कि कुछ खास न मिलने पर एक चिट्ठी छोड़ गए थे। हालांकि दुष्साहसी चोरों को पुलिस ने दबोच लिया है। चोरों के अनुसार वे कलेक्टर समझकर घर में घुसे थे।
मध्य प्रदेश के देवास स्थित सिविल लाइन्स में डिप्टी कलेक्टर त्रिलोचन सिंह गौड़ रहते हैं। सिविल लाइन्स वो इलाका है, जहां सांसद निवास के साथ ही कलेक्टर, एसपी व अन्य अफसर रहते हैं। त्रिलोचन सिंह का स्थानांतरण 15 दिन पहले ही खातेगांव हुआ है। इसलिए देवास के घर में हुई नहीं था। इसी बीच चोरों ने मोटा माल मिलने की उम्मीद में उनके घर को निशाना बना दिया। घर के तमाम ताले तोड़ दिए, लेकिन काफी छछौवा करने के बाद भी उनके साथ में एक सोने की अंगूठी, पायल, कुछ सिक्के और 30 हजार स्र्पये नगद ही हाथ लगे। कम रकम मिलने पर चोर नाराज हो गए, या यूं कहें कि निराश हो गए। इसके बाद चोरों ने घर में ही रखी एक डायरी में डिप्टी कलेक्टर साहब को सलाह दी कि ‘जब पैसे नहीं थे तो लॉक नहीं करना था कलेक्टर।”
करीब दस दिन बाद जब त्रिलोचन सिंह शनिवार को घर पहुंचे तो घर के ताले टूटे मिले थे। उन्होंने चोरी की घटना की सूचना पुलिस को दी। पुलिस भी पहुंची। इसके बाद जब उनकी नजर डायरी पर लिखी चोरों की सलाह पर पड़ी तो उसे उजागर किया गया। चोरों की यह सलाह मीडिया की सुर्खियां बनी। पुलिस भी चोरों की तलाश के लिए आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच पड़ताल कर रही थी। पिछले दिनों पुलिस ने कुंदन ठाकुर निवासी बिहारीगंज और शुभम उर्फ छोटू जायसवाल निवासी बिहारीगंज को गिरफ्तार किया। पुलिस का दावा है कि पकड़े गए चोरों के अलावा चोरी में एक हिस्ट्रीशीटर प्रकाश भी शामिल था। वे कलेक्टर का घर समझकर घर में घुस गए थे उन्हें लगा कि यहां अच्छी खासी रकम मिलेगी। जब कुछ खास नहीं मिला तो आरोपी कुंदन ने गुस्से में चिट्ठी लिख दी थी।