रायपुर। शाकंभरी जयंती-छेर-छेरा पुन्नी के अवसर पर राज्य में अब सार्वजनिक अवकाश रहेगा। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र के बाजारों में पसरा शुल्क समाप्त कर दिया जाएगा। शाकंभरी बोर्ड के अध्यक्ष को केबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में मरार पटेल समाज के लोगों की संख्या ज्यादा है, वहां सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए रियायती दर पर भूमि और सरकार की ओर से राशि दी जाएगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को रायपुर के बूढ़ा तालाब स्थित स्वर्गीय बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में छत्तीसगढ़ मरार पटेल महासंघ द्वारा आयोजित सामाजिक एकीकरण, शपथ ग्रहण एवं सम्मान समारोह में की।
मुख्यमंत्री ने राज्य के ग्रामीण अंचल में नाले के किनारे स्थित शासकीय भूमि को मरार समाज की महिलाओं के स्व-सहायता समूहों को सामुदायिक बाड़ी के लिए देने, मंडी एवं बाजारों में दुकान एवं पसरा आबंटन में मरार समाज को प्राथमिकता देने की भी घोषणा की। छत्तीसगढ़ राज्य के मरार पटेल समाज की तीन बड़ी बिरादरियों के एकीकरण पर खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन मरार पटेल समाज के लिए ऐतिहासिक है। मुख्यमंत्री की मौजूदगी में मरार पटेल समाज की तीन प्रमुख बिरादरियां हरदिया, कोसरिया एवं भोयरा बिरादरी के लोगों ने सामाजिक एकीकरण का संकल्प लिया।
मुख्यमंत्री ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार समाज के सभी वर्गाें के सम्मान और भलाई के लिए काम कर रही है। कुपोषण दूर करना, शिक्षा और स्वास्थ्य को बेहतर बनाना सरकार की प्राथमिकता है। सुराजी गांव योजना के अंतर्गत शामिल बाड़ी विकास कार्यक्रम वास्तव में मरार पटेल समाज की तरक्की के लिए है। बाड़ी विकास कार्यक्रम के तहत फल, फूल और सब्जी की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किश्त की राशि एक नवंबर राज्योत्सव के अवसर पर जारी की जाएगी। मुख्यमंत्री ने समारोह में शाकम्भरी बोर्ड तथा कृषक कल्याण परिषद के मरार समाज के पदाधिकारियों एवं सदस्यों को छत्तीसगढ़ मरार पटेल महासंघ की ओर से सम्मानित किया।
(TNS)