भिलाई(bhilai)। इस बार दीपावली (dipawali) में घरों को गोबर(dung) से बने दीयों(diyas) से रोशन किया जाएगा। इसके लिए स्व-सहायता समूह (self help group) की महिलाएं जुटी हुई हैं। इसकी खासियत ये है कि इसका उपयोग करने के बाद दीये या अन्य सामग्रियां(Supplies) खाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
नगर पालिक निगम (Town palik Corporation) भिलाई के गोबर खरीदी केन्द्रों में सवा लाख गोमय दीये तैयार किए जा रहे हैं। गोधन से निर्मित उत्पाद नागरिकों को आसानी से उपलब्ध हो सके इसके लिए आयुक्त प्रकाश सर्वे के मार्गदर्शन में अनेक जगहों पर स्टाॅल लगाया गया है। इससे समूह की महिलाएं स्थानीय बाजारों में भी दीये की मांग पूरी कर सके।
आकर्षक रंगों में ग्वालिन भी
स्टाॅल में लोग दीवाली त्योहार में घर को रोशन करने चटक रंग से बने आकर्षक दीये उपलब्ध है। घरों को सजाने के लिए सीनरी, श्रीलक्ष्मी गणेश की प्रतिमा व ग्वालीन भी महिला समूहों के स्टाॅल से खरीदने उत्साह दिख रहा है।
बढ़ती जा रही मांग
जानकारी दी गई कि दीया पूर्ण रूप से ईको फ्रेंडली है एक बार इसका उपयोग करने के पश्चात खाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है। एनयूएलएम के अमन पटले ने बताया अब तक जोन 01 में 18 हजार दीये, जोन 03 में 4 हजार दीये तथा जोन 04 में 30 हजार दीये और पूजा के लिए मूर्तियां बन चुकी हैं।
चटक रंगों के दीये शहर के मॉल में भी उपलब्ध
अपर आयुक्त अशोक द्विवेदी व नोडल अधिकारी सुनील अग्रहरि ने स्टॉल का जायजा लिया। जहां उन्होंने महिलाओं से चर्चा कर उन्हें प्रेरित किए। शहरी आजीविका मिशन के तहत तैयार गोबर से बने उत्पाद निगम मुख्य कार्यालय, सूर्या माॅल, जोन 2 निगम कार्यालय एवं हाउसिंग बोर्ड पौनी पसारी, जोन 3 निगम कार्यालय, जोन 4 पाॅवर हाउस बस स्टैण्ड एवं आईटीआई के पीछे गोधन न्याय योजना केंद्र, जोन 5 सेक्टर 6 ए मार्केट एवं सेक्टर 6 सांई मंदिर के सामने स्टाॅल लगाया गया है।
प्राकृतिक रूप से बने दीये पर्यावरण के लिए सुरक्षित
सूर्या माॅल में शाॅपिंग करने आई यामिन साहू चटक रंगों से निर्मित दीये खरीदने उत्साहित हो गई। उन्होंने बताया प्राकृतिक रूप से बने दीये के उपयोग से घर को रोशन करें। इससे हम पारंपरिक त्योहार में प्रकृति से जुड़ते हैं। खुर्सीपार के दिनेश ने गोधन केन्द्र से दीया खरीदते बताया उन्होंने सजाने के लिए खरीदा है। यह पूर्ण रूप से ईको फ्रेंडली है। इससे पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा।
(TNS)