कोरबा। कोरबा (korba) के ढोड़ीपारा इलाके (Dhodipara locality) में 11 साल पहले घटित (happened) एक मामले में एक मृत अभियुक्त (dead accused) को सीएसईबी चौकी की पुलिस ने जिंदा (Alive) खोज निकाला है। हाई कोर्ट (High Court) में फौती (Fauti) प्रस्तुत करने के आदेश के बाद मामले का भांडा फूटा (stock exploded) है। हत्या के मामले में फैसले के खिलाफ सुनवाई चल रही है।
दरअसल मारपीट और गैर इरादतन हत्या (culpable homicide) के मामले में आरोपी नामजद किए गए राजेश बेलदार के साथ ऐसा ही हुआ। पेशी पर नहीं जाने के दौरान जो जानकारी मिली उस आधार पर पुलिस ने उसे तलब किया। सीएसईबी पुलिस चौकी से जुड़े हुए इस मामले में उसने ढोड़ीपारा वार्ड 15 में रहने वाले राजेश बेलदार को परेशान कर दिया।
वर्ष 2010 में इसी इलाके में शराब पीने के दौरान गौरांग पाल के साथ मारपीट हो गई थी। घटना के बाद गौरांग की मौत हो गई थी, जिस पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया था। राजेश ने बताया कि इस मामले में उसके साथ पत्नी और बहन को आरोपी बनाया गया था। इस प्रकरण में राजेश ने चार साल की सजा काट ली है।
किसी ने रिकॉर्ड में कर दिया मृत घोषित
राजेश ने बताया कि संबंधित मामले में उसे कोर्ट ने बरी कर दिया था, इसलिए वह पेशी पर नहीं जा रहा था। पिछले दिनों पता चला कि उसे रिकॉर्ड में किसी ने मृत घोषित कर दिया है, जबकि वह जीवित है। इसी सिलसिले में पुलिस ने उसे चौकी तलब किया था।
पेशी में उपस्थित नहीं होने पर खोजबीन हुई
सीएसईबी पुलिस चौकी प्रभारी आशीष सिंह ने बताया कि 323 और 304 ए आईपीसी के तहत राजेश को नामजद किया गया था। पेशी पर नहीं जाने के कारण उसकी खोजबीन हुई। जांच में पता चला कि वह जिंदा है। जिंदा होने की पुष्टि के बाद पुलिस ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए न्यायालय में पेश कर दिया।
बेटे की मौत ने पूरी तरह झंझोर दिया था
राजेश ने बताया की चार साल की सजा काटने के बाद वह लगातार कोर्ट में पेश हो रहा था। बेटे की मौत ने उसे पूरी तरह झंझोर दिया था। इसलिए वह पेशी में नहीं जा सका। उसे यह नहीं पता था कि अधिवक्ता ने जिंदा होने के बाद भी मृत क्यों बताया।
(TNS)