जशपुर। छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) में कांग्रेस (congress) नेताओं के बीच पार्टी की गुटबाजी (groupism) का नतीजा जिला मुख्यालय जशपुर (District Headquarter Jashpur) में कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान हंगामे के रूप में सामने आया है।
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन (convention) शुरू होते ही वर्चस्व की लड़ाई तू-तू मैं-मैं को लेकर बवाल मच गया। वहां मौजूद कार्यकर्ताओं के मूताबिक पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष पवन अग्रवाल ने जैसे ही भाषण देना शुरू किया तो दूसरे गुट के कार्यकर्ताओं में सुगबुगाहट शुरू हो गई। अग्रवाल ने भाषण में प्रदेश के स्वास्थ मंत्री टीएस सिंहदेव को लेकर बोलना शुरू किया, तो किसी ने उनसे माइक छीन लिया। उसके बाद मंच से उसे धक्का भी दे दिया। उसके बाद मामला तुल पकड़ लिया और माहौल हंगामे में बदल गया। पदाधिकारी एक-दूसरे पर सवाल दागने लगे।
जारी है दोनों खेमों के बीच हंगामा
बताया जा रहा है कि समाचार लिखे जाने तक दोनों खेमें के बीच अभी भी हंगामा जारी था। खास बात यह रही कि सारी घटना पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सप्तगिरि शंकर उल्का और जिले के दोनों विधायकों के सामने (in front of legislators) हुई।
वर्चस्व को लेकर तेवर में रहे
आपको बता दें कि कल शनिवार को राष्ट्रीय महासचिव के जशपुर आते ही गुटबाजी शुरू हो गयी थी। दोनों गुट के पदाधिकारी व कार्यकर्ता अपने वर्चस्व को लेकर तेवर में रहे। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव समर्थक कल देर शाम से ही राष्ट्रीय महासचिव की मौजूदगी में टीएस सिंहदेव और काँग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष पवन अग्रवाल के समर्थन में नारे लगाने शुरू कर दिए थे।
कार्यकर्ताओं के गूंजे नारे
आज भी जब थोड़ी देर पहले सम्मेलन की शुरुआत हुई तो टीएस सिंहदेव के समर्थक सामने आ गए और टीएस बाबा जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। इसके बाद माहौल आरोप-प्रत्यारोप में बदल गया।
पूर्व जिलाध्यक्ष पवन ने लगाया उपेक्षा का आरोप
आज की घटना के मूताबिक पूर्व जिलाध्यक्ष पवन अग्रवाल भाषण दे रहे थे। भाषण में उन्होंने पार्टी की ओर से उनकी की गई उपेक्षा का जिक्र करना शुरू कर दिया, वहीं टीएस सिंहदेव के बारे में बोलने लगे, तभी अचानक कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष इफ्तिखार हसन उन्हें मंच पर ही समझाने पहुंच गए। इसी बीच दोनों के बीच तू-तू, मैं-मैं के साथ धक्का-मुक्की शुरू हो गयी। यह हंगामा लगभग 20 मिनट तक चलता रहा।
हंगामे का अनुमान पहले से था
यहां देखा जाए तो सिंघदेव के समर्थकों का तेवर देख शुरू से ही अनुमान लगाया जा रहा था कि सम्मेलन में हंगामा निश्चित है। लोगों का अनुमान सही निकला और सम्मेलन की शुरुआत जोरदार हंगामे से हुआ।
(TNS)