तीरंदाज, रायपुर। छत्तीसगढ़ में चल रहे कुर्सी के अघोषित युद्ध के बीच नया डेवलपमेंट सामने आया है। कांग्रेस पार्टी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को उत्तर प्रदेश में होने वाले विधान सभा चुनाव को देखते हुए वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। पार्टी के इस फैसले को लेकर दोनों खेमों के समर्थक अपने-अपने तरीके से समीक्षा कर रहे हैं। कोई कह रहा है कि यह निर्णय आलाकमान का भूपेश बघेल पर भरोसे को दर्शाता है। वहीं दूसरी ओर विरोधी खेमे में चर्चा है कि यह नियुक्ति बदलाव की तैयारी के संकेत हैं।
छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के समय से चल रहा ढाई-ढाई साल सीएम बनाने का मामला इन दिनों गरम है। सूत्र बताते हैं कि आलाकमान की ओर से साफ किया जा चुका है कि सीएम भूपेश बघेल को अब कुर्सी छोड़नी होगी। उनकी जगह सरकार में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को सीएम बनाए जाने की चर्चा हैं। हालांकि सीएम और स्वास्थ्य मंत्री इस मामले में कुछ भी साफ-साफ बोलने से बचते रहे हैं। सीएम हमेशा यही कहते हैं कि आलाकमान जो कहेंगे, वह किया जाएगा। कुर्सी छोड़ने को कहेंगे तो छोड़ दी जाएगी। लेकिन इन सब बातों से इतर प्रदेश में नई तरह की राजनीति चल रही है। कुर्सी बचाने के लिए भूपेश समर्थक विधायक दिल्ली में जमे हुए हैं। जबकि रायपुर में राजीव युवा मितान क्लब की घोषणा करके आलाकमान को साधने की भी कोशिश की जा रही है।
बघेल को उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनाव को देखते हुए वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाए जाने से यह मामला और गरम हो गया है। कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी केसी वेणुगोपाल द्वारा पत्र नियुक्त पत्र जारी करने के बाद फिर से तमाम तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं हैं। पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह सहित अन्य विपक्षी नेता भी कांग्रेस के हालात पर लगातार चुटकी ले रहे हैं। कुछ देर पूर्व उन्होंने फिर ट्वीट करते हुए लिखा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का कॉमेडी सर्कस चल रहा है। आपसी लड़ाई से काम प्रभावित हो रही है। कांग्रेस ने सत्यानाश कर दिया है।
(TNS)