रायपुर (Raipur)। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) कांग्रेस संगठन (Congress organization) में लगातार विवाद (Controversy) सामने आ रहा है। कई सार्वजनिक जगहों पर नेताओं के बीच गुटबाजी (groupism) स्पष्ट दिखी है। ऐसे में अब तो सत्ता-संगठन में दो फाड़ साफ़ दिखाई देने लगा है। मुख्यमंत्री (chief minister) भूपेश बघेल ने लखनऊ (Lucknow) रवाना होने से पहले मीडियाकर्मियों से चर्चा में इस बात को माना।
मीडियाकर्मियों (media persons) के बीच कांग्रेस में लगातार बन रही विवाद की स्थिति को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुर्भाग्यजनक (unfortunate) कहा। सीएम ने कहा कि ऐसी बातें नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने संगठन से इन घटनाओं पर संज्ञान लेने की बात कही है।
छत्तीसगढ़ की योजनाएं है सराहनीय
मुख्यमंत्री बघेल ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा मुद्दा किसान, बेरोजगारी और महंगाई का है। वहां की जनता यूपी सरकार की कार्यप्रणाली से खुश नहीं हैं। इसलिए वहां के किसान भाई नाराज हैं। सीएम ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ की योजनाओं की सराहना करते हुए वे ऐसे ही लाभ की आशा करते हैं। दावा किया कि वहां की जनता यूपी की योगी सरकार को उखाड़ फेंकना चाहती है।
चार-पांच महीने से नेतृत्व परिवर्तन की चली हवा
छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चार-पांच महीने से गुटबाजी और उठापटक के साथ लोग अंदाजा लगा रहे हैं। इसी बीच सितंबर में मुख्यमंत्री बघेल ने विधायकों को दिल्ली ले जाकर शक्ति प्रदर्शन किया था। वहीँ ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री मामले में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव लगातार दिल्ली का दौरा कर रहे हैं।
जशपुर और राजीव भवन में भिड़े कार्यकर्ता
ज्ञात रहे कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस में गुटबाजी का स्पष्ट उदाहरण जशपुर में कार्यकर्त्ता सम्मेलन में देखने को मिला। मंत्री टीएस सिंहदेव के समर्थक पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष पवन अग्रवाल के साथ धक्का-मुक्की भी हो गई। ऐसा प्रदेश के प्रभारी सचिव सप्तगिरि उल्का की मौजूदगी हुआ। वहीं शनिवार को राजीव भवन में एक महामंत्री के साथ निगम अध्यक्ष द्वारा दुर्व्यवहार किए जाने की घटना भी सामने आई। इससे साफ़ है कि कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
(TNS)