भिलाई। एक ओर जहां पार्टी टिकट पाने के लोग जद्दोजहद करते रहते हैं वहीं दूसरी ओर ऐसा भी होता है कि कोई पार्टी का टिकट ही लौटा दे। वह भी केवल इसलिए कि उसके राजनीतिक गुरु को पार्टी ने नजरअंदाज किया। नाम वापसी के लिए पार्टी प्रत्याशी ने मौका भी ऐसा चुना कि सब धरे के धरे रह गए। बी फॉर्म मिलने के बाद प्रत्याशी ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया।
दरअसल यह पूरा मामला वार्ड 19 से भाजपा प्रत्याशी प्रत्याशी अजितेश सिंह से जुड़ा है। भिलाई नगर निगम में नाम वापसी के अंतिम दिन अजितेश सिंह ने बी फार्म मिलने के बाद चुनाव लड़ने से मना कर दिया। निगम कार्यालय में जैसे ही अजितेश ने चुनाव न लड़ने का फैसला करते हुए नाम वापस ले लिया। इस दौरान भाजपा नेताओं ने बहुत मनाने की कोशिश की लेकिन वही नहीं माना। अजितेश ऐसा अपने राजनीतिक गुरु रामानंद मौर्य को टिकट न मिलने के कारण किया। टिकट वापसी के बाद मीडिया के सामने उन्होंने यह बातें कही।
अजितेश का कहना है कि रामानंद मौर्य भाजपा के कर्मट कार्यकर्ता रहे हैं और वार्ड से लगातार जीतते आए हैं। ऐसे कर्मट कार्यकर्ता की अनदेखी की गई है। अजतेश ने कहा क भाजपा ने उन्हें टिकट न देकर गलत किया इसके जवाब में उन्होंने भाजपा को रिटर्न गिफ्ट दिया है। अजितेश ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठाया कि वे स्थानीय स्तर पर बेहतर काम करने वालों को टिकट नहीं दे रहे हैं।
10 वर्षों से कर रहे वार्ड में काम
अजितेश ने बताया कि वे 10 सालों से रामानंद मौर्या के साथ वार्ड में काम कर रहे हैं। रामानंद मौर्य उनके राजनीतिक गुरु हैं। अजितेश ने कहा कि टिकट न मिलने पर रामानंद मौर्य ने कुछ नहीं कहा। अजितेश ने कहा कि उन्होंने पहले ही ठान लिया था कि वे पार्टी को सबक सिखाएंगे।