RAIPUR. छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल के रूप में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अनुसुइया उइके की जगह विश्वभूषण हरिचंदन की घोषणा की है। जिसके बाद आज गुरुवार को हरिचंदन राजभवन में सुबह 11:30 बजे छत्तीसगढ़ के राज्यपाल पद की शपथ लेंगे। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश अरूप कुमार गोस्वामी उन्हे शपथ दिलाएंगे।
ऐसा रहा अब तक का राजनीतिक सफर
विश्वभूषण हरिचंदन 1977 में जब कैबिनेट मंत्री थे, उस दौरान आपातकाल की वजह से कई आवश्यक वस्तुओं की कमी देखने को मिली थी। उस दौरान उन्होंने इन वस्तुओं को न सिर्फ स्वतंत्रता से उपलब्ध कराया बल्कि कालाबाजारी और जमाखोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की थी। इसकी वजह से वे उड़ीसा में काफी प्रसिद्ध हो गए।
साथ ही भूमि अभिलेखों के कम्प्यूटरीकरण, धोखाधड़ी से हस्तांतरित की गई आदिवासी भूमि की बहाली के लिए भी साहसिक कदम उठाए।
पुनर्वास और प्रतिस्थापन नीति
उनके गहन प्रयासों की वजह से पुनर्वास और पुनर्स्थापन नीति उड़ीसा में बनी थी। जो कि उस समय देश की सर्वश्रेष्ठ आर&आर नीति थी। विश्वभूषण हरिचंदन ने कैबिनेट के उप समिति अध्यक्ष के रूप में इसे अंजाम दिया। जिसकी वजह से विस्थापितों के पुनर्वास में क्रांतिकारी परिवर्तन आया।
सरकारी जमीन की बिक्री के संबंध में चल रहे विवाद के दौरान उन्होंने कहा था कि भूमि की मालिक सरकार नहीं राज्य होती है एवं सरकार के पास सिर्फ ट्रस्टी जैसी सीमित शक्तियां हैं। उन्होंने अधिशेष सरकारी भूमि की बिक्री का पुरजोर विरोध किया जिसके बाद राज्य मंत्रिमंडल को अपना निर्णय बदलना पड़ा था।