संयुक्त राष्ट्र। कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए हर हाल में प्रत्येक व्यक्ति का टीकाकरण आवश्यक है। दुनियां का एक भी व्यक्ति इससे छूट न पाए। नहीं तो कोरोना के नए वैरिएंट सालों तक आते रहेंगे।
..जी हां यह बात सत्य है। पिछले दो सालों में एक साधारण, लेकिन कटु सत्य का प्रदर्शन सामने आया है। यदि हम किसी को पीछे छोड़ते हैं तो परेशानी फिर सामने आती जाएगी।
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने विश्व नेताओं से 2022 को सुधार का सही अवसर बनाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी का सामना समानता और निष्पक्षता के साथ किया जाना चाहिए। गुतेरस ने चेताया कि जब तक हम दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति का टीकाकरण करने में विफल रहेंगे तो इसके कोरोना के नए वैरिएंट आते रहेंगे। ये वैरिएंट लोगों के जीवन और अर्थव्यवस्थाओं को ठप करते रहेंगे।
सोमवार को टीकाकरण पर जोर देते हुए विश्व आर्थिक मंच (WEF) की 2022 की बैठक के उद्घाटन सत्र को वर्चुअल रूप से संबोधित करते हुए गुतेरस ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में एक साधारण लेकिन कटु सत्य का प्रदर्शन किया है कि यदि हम किसी को पीछे छोड़ते हैं तो हमें आगे परेशानी झेलनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि हमने 2022 को सुधार का असली समय बनाने के लिए महामारी से मुकाबले के लिए मिलकर खड़े हों।
बता दें कि विश्व आर्थिक मंच की यह बैठक कोरोना संक्रमण के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के साए में हो रही है। इसके कारण दुनियाभर के लोगों, अर्थव्यवस्थाओं और इस ग्रह को मुश्किल दौर का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में गुतेरस ने अपने भाषण में अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासकर वैश्विक कारोबारियों से आग्रह किया कि हमें रिकवरी व आर्थिक सुधार के लिए सभी के सहयोग की जरूरत है।
बैठक मे उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस महामारी से मुकाबला समानता व निष्पक्षता से किया जाना चाहिए। यह परेशानी पूरी दुनिया में बीते दो सालों से सिर उठाए हुए है और इससे 30.40 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं। 54 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
एक बात पर चिंता जाहिर करते हुए यूएन महासचिव ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह शर्मनाक है कि उच्च आय वाले देशों में टीकाकरण की दरें अफ्रीकी देशों की तुलना में सात गुना ज्यादा है। मामले में उन्होंने साफ कहा कि यदि हम प्रत्येक व्यक्ति का टीकाकरण करने में विफल रहे तो नए-नए वैरिएंट आते रहेंगे। ऐसे में लोगों का दैनिक जीवन व अर्थव्यवस्थाओं को ठप करते रहेंगे।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने आगे कहा कि कोरोना का नवीनतम वैरिएंट ओमिक्रॉन धीमी गति से पूरी दुनिया में फैल रहा है। ऐसे में संक्रमण दर बढ़ रहा है। इस स्थिति से देशों के स्वास्थ्य तंत्र पर बोझ बढ़ता जा रहा है। टीकाकरण की ढिलाई पर उन्होंने चिंता व्यक्त की कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के पिछले साल के अंत तक सभी देशों के 40 फीसदी लोगों को ही टीका लग पाया। वहीं इस साल के मध्य तक 70 फीसदी लोगों को टीका लगाने के लक्ष्य के आसपास भी हम नहीं पहुंच सके हैं।
(TNS)