DURG. तकनीक बढ़ने के साथ ही अलग-अलग क्षेत्रों में इसका फायदा मिल रहा है। लोग नए तकनीक के साथ ही तकनीकी संसाधनों को अपनाकर उन्नति, प्रगति करने के साथ ही काम और आसान और सरल बनाने के साथ ही सुलभ भी बना रहे है। इसका ही असर है कि खेती-बड़ी में भी अलग-अलग तकनीक का सहारा उन्नत किस्म की फॉर्मिंग की जा रही है।दुर्ग जिले में स्थित बाड़ियों को जैविक बाड़ियों में अपग्रेड किया जा रहा है। दुर्ग कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में हुई समीक्षा बैठक में यह बातें कही। उन्होंने बैठक में कहा कि अभी 60 से अधिक बाड़ियों में जैविक खाद से सब्जी उत्पादन हो रहा है। धीरे-धीरे सभी बाड़ियों को जैविक बाड़ियों में परिवर्तित करने की बात उन्होंने अधिकारियों से कही। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इसके लिए जरूरी तैयारियां कर लें। दुर्ग जिला पंचायत के CEO अश्विनी देवांगन ने बताया कि अभी बाड़ियों में मोनोक्रॉपिंग हो रही है। साथ ही रोपणी से पौधे दिए जा रहे हैं। जैविक बाड़ियों को डेवलप करने के लिए ट्रेनिंग दिया जा रहा है। इसके बाद इसे आसानी से अमलीकृत किया जाएगाा।
गौरतलब है कि दुर्ग जिला खेती-बाड़ी के मामले में छत्तीसगढ़ में शीर्ष जिलों में शुमार है। साथ ही यहां की सब्जी देश के कई राज्यों के साथ ही विदेशों तक सप्लाई की जाती है।