
तीरंदाज, डेस्क। अंतरिक्ष में टरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) को यात्रियों का घर कहा जाये तो गलत नहीं होगा। जब भी कोई यात्री स्पेस स्टेशन के लिए उड़ान भरता हैं, तो पृथ्वी पर लाखों लोगों के मन में ये जिज्ञासा होती है कि वह वहां किस तरह से रहते होंगे। वैसे तो अंतरिक्ष में यात्रियों के पास तमाम सुविधाएं होती हैं। स्पेस स्टेशन में लंबे वक्त तक रहने वाले टिम पीक ने एक ऐसी समस्या के बारे में बताया जिसके बारे में जानकर आप अपनी हसीं नहीं रोक पाएंगे। टिम पीक ने बताया है कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से एक ‘बारबेक्यू’ की तरह बदबू आती है। ओर ऐसा इस लिए होता है क्योंकि ऑर्बिट में अंतरिक्ष यात्री ज्यादा गैस पास करते हैं।
50 वर्षीय टिम पीक साल 2016 में स्पेस स्टेशन पर 186 दिन का समय बिता कर आये थे। टिम पीक ने एक पॉडकास्ट के दौरान 8 साल के बच्चे द्वारा पूछे सवाल का हैरान करने वाला जवाब दिया। बच्चे ने टिम से पूछा गया था कि अंतरिक्ष में सभी को हेलमेट पहनना पड़ता है तो ऐसे में अगर डकार आए तो कैसा लगता है। सवाल सुनकर टीम ने मुस्कुराते हुए कहा कि यह अच्छा सवाल है। उन्होंने बताया किया कि वास्तव में यात्री अंतरिक्ष में डकारते ही नहीं। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष में खाना खाते ही शरीर उसे पचाना शुरू कर देता है। जिससे गैस बनती है। लेकिन गैस के बुलबुले अंतरिक्ष में उठ नहीं पाते। ऐसे में बुलबुले के बाहर आने का एक ही ‘रास्ता’ बचता है। टिम ने कहा कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में उन्हें अजीब से गंध आती थी।
टिम ने जो बताया वो वाकई में अजीब है, क्योंकिआज तक किसी ने भी इस बारे में बात नहीं की। हम सभी ये जानते है कि अंतरिक्ष में रहना कोई सामान्य बात नहीं। इस दौरान यात्रियों को कई तरह के बदलावों से गुजरना पड़ता है। जिससे इसका असर उनके मस्तिष्क पर भी होता है। एक रिसर्चर्स रिपोर्ट के अनुसार ISS पर आने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के दिमाग में बदलाव का पता चला है। लगभग 15 अंतरिक्ष यात्रियों के दिमाग पर शोध करने पर पता चला कि मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं के आसपास की जगह, जो द्रव यानी फ्लूइड से भरी होती है, उसमें बदलाव आ गया। साथ ही और भी कई तरह की मुश्किलों से वहां यात्रियों को गुजरना होता है। गैस पास करने की समस्या भी इनमे से एक है। जिसका खुलासा अब किया गया है।
