धरसींवा (raipur)। धरसींवा के पं. श्यामाचरण शुक्ल महाविद्यालय (Government Pandit Shyamacharan Shukla College Dharsiwa) में चल रहे 11 दिवसीय मूल्यवर्धित पाठ्यक्रम के छठे दिन छात्र-छात्राओं को प्रेस कानून और प्रेस प्रबंधन की जानकारी दी गई। छात्र-छात्राओं को न केवल देश में प्रेस कानून के इतिहास के बारे में बताया, बल्कि पत्रकारिता से जुड़े मौजूदा कानून की भी जानकारी दी गई।
मूल्यवर्धित पाठयक्रम के छठे दिन प्रेस प्रबंधन एवं प्रमुख प्रेस कानून विषय पर व्याख्यान रखा गया। इसमें मुख्य वक्ता के रूप में छत्तीसगढ़ कॉलेज (Chhattisgarh College) के सहायक प्राध्यापक (विधि) डॉ. भूपेंद्र करवन्दे ने जानकारी दी। डॉ. करवन्दे ने प्रतिभागियों को भारत में प्रेस कानून के आगमन के इतिहास के बारे मे बताया। उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान में प्रेस शब्द का उल्लेख नहीं है, लेकिन प्रेस के संचालन के लिए विभिन्न कानून व प्रावधान अवश्य हैं। उन्होंने प्रमुख कानूनों की उदाहरण व्याख्या की।

डॉ. भूपेंद्र करवन्दे, सहायक प्राध्यापक (विधि) छत्तीसगढ़ कॉलेज।
डॉ. करवन्दे ने पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने वाले छात्र-छात्राओं को सलाह दी कि वे इस क्षेत्र में उतरने से पहले संविधान में उल्लेखित प्रमुख कानूनों, अधिकारों जैसे वाक एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, कॉपीराइट एक्ट आदि के बारे में विस्तार से जानें। इससे छात्र-छात्राओं को भविष्य में एक अच्छा पत्रकार बनने में मदद मिलेगी। कार्यक्रम का संचालन हिंदी के विभागाध्यक्ष डॉ. सीएल साहू (dr. cl sahu) ने किया।
सातवें दिन साक्षात्कार से होगा विद्यार्थियों का साक्षात्कार
महाविद्यालय द्वारा आयोजित 11 दिवसीय मूल्यवर्धित कार्यक्रम के सातवें दिन विद्यार्थियों को साक्षात्कार से सामना करने के बारे में बताया जाएगा। इसमें वरिष्ठ पत्रकार, शायर और गीतकार मयंक चतुर्वेदी ‘मानस” (mayank chaturvedi manas) एवं डॉ. राकेश पांडेय (dr. rakesh pandey) छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन करेंगे।
(TNS)