तीरंदाज, इंदौर। फाल्गुन शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को फुलेरा दूज मनाई जाती है। इस दिन से मथुरा में होली की शुरुआत होती है, जो कि इस वर्ष 4 मार्च शुक्रवार को है। इस दिन ब्रज में श्रीकृष्ण के साथ फूलों के संग होली खेली जाती है।
इंदौर के ज्योतिषाचार्य पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने होली खेलने की शुरुआत की थी। तब से लेकर अब मथुरा में इस दिन को धूमधाम से मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन राधा-कृष्णा की आराधना करने से सभी मनोकामना पूरी होती है। आज हम आपको बता रहे हैं फुलेरा दूज के बारे में पौराणिक कहानी और अन्य बातें…
इसलिए मनाई जाती है फुलेरा दूज
कहा जाता है कि एक बार श्रीकृष्ण व्यस्त होने की वजह से लंबे समय तक राधारानी से मिलने नहीं जा सके। उनकी नाराजगी का असर प्रकृति में दिखने लगा। पुष्प और वन सूखने लगे। प्रकृति का नजारा देखकर श्रीकृष्ण को राधारानी की हालत का अंदाजा लग गया। इसके बाद वे बरसाना पहुंचकर राधारानी से मिले, तो वह प्रसन्न हो गईं और चारों ओर एक बार फिर हरियाली छा गई।
इस दौरान श्रीकृष्ण ने एक फूल तोड़ा और राधारानी पर फेंक दिया। इसके बाद राधा ने भी कृष्ण पर फूल तोड़कर फेंक दिया। फिर गोपियों ने भी एक दूसरे पर फूल फेंकने शुरू कर दिए। हर तरफ फूलों की होली शुरू हो गई। वो दिन था फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि थी और तब से इस दिन को फुलेरा दूज के रूप में मनाया जाने लगा।
ऐसे मनाते हैं फुलेरा दूज
पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि घर में भगवान कृष्ण की पूजा करने के साथ ही उन पर गुलाल लगाया जाता है। इस दिन से होली के रंगों की शुरुआत भी होती है। साथ ही फुलेरा दूज के दिन रंगीन कपड़े का छोटा सा टुकड़ा श्रीकृष्ण की कमर पर बांध दिया जाता है, जो इस बात का संकेत है कि कृष्ण अब होली खेलने के लिए तैयार हैं।
फुलेरा दूज में कोई भी काम करें बिना शुभ मुहूर्त के
इंदौर के ज्योतिषी आचार्य गिरीश व्यास ने बताया कि किसी भी नए काम की शुरुआत के लिए फुलेरा दूज का दिन बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन कोई भी मांगलिक कार्यक्रम जैसे विवाह, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश या जमीन की खरीददारी आदि कोई भी कार्य बिना किसी शुभ मुहूर्त के किया जा सकता है, क्योंंकि इस दिन का हर क्षण शुभ होता है।
फुलेरा दूज के कुछ उपाय
– अगर किसी कारण से रिश्ता टूट गया है और उसे फिर से जोड़ना चाहते हैं। तब फुलेरा दूज के दिन राधा-कृष्ण की पूजा करें और उन्हें फूलों की माला अर्पित करें।
– फुलेरा दूज के दिन स्नान कर साफ वस्त्र पहनें। फिर राधा-कृष्ण मंदिर में जाएं। भगवान को पीले पुष्प, मिठाई और पीले वस्त्र अर्पित करें। ऐसा करने से यदि निस्वार्थ प्रेम हो, तो विवाह में आ रही अड़चने दूर हो जाती हैं।
– अगर वैवाहिक जीवन में समस्याएं आ रही हैं, तो भोजपत्र पर अपनी समस्या लिखकर राधा-कृष्ण के चरणों में अर्पित करें। ऐसा करने से जीवनसाधी से रिश्ते सुधरेंगे।