BHILAI. भिलाई स्टील प्लांट में मंगलवार दोपहर एक बड़ा और दर्दनाक हादसा हो गया. प्लांट के अंदर काम कर रहे एक ठेका मजदूर का एक पैर कपलिंग के बीच घुस गया, जिससे वह भयानक दर्द से तड़पता रहा. तकलीफ ऐसी कि उसकी चीख प्लांट भर में गूंजता रहा. लंबे प्रयास के बीच आखिरकार उसका पैर छुड़ाया जा सका है. वहीं बाहर आने के बाद पैर का क्या हाल हुआ है ये किसी को नहीं पता, उसे सीधे अस्पताल ले जाया गया है. इस हादसे में प्लांट प्रबंधन की एक बड़ी लापरवाही भी उजागर हुई है.
बताया जा रहा है कि प्लांट के अलग-अलग हिस्सों में ठेका श्रमिक अपना-अपना काम कर रहे थे. इस दौरान एक मजदूर विनय मौर्या अपने कुछ साथियों के साथ मेंटेनेंस के काम में लगा हुआ था. वह कपलिंग मशीन के पास ही तैनात था. अचानक उसका पैर कपलिंग के बीच पहुंचकर फंस गया. पैर का फंसना था कि टनों तेज दबाव के बीच उसे असहनीय पीड़ा शुरू हो गई. उसकी आवाज सुनकर आसपास काम कर रहे अन्य श्रमिक भी उसके आसपास पहुंच गए. लेकिन, सभी लाचार थे, क्योंकि भारी मशीनरी के बीच उसे सीधे नहीं निकाला जा सकता था.
टेक्नीशियन भी रहे नाकाम तो बुलाया क्रेन
इस बीच आसपास काम कर रहे टेक्नीशियनों को भी बुलाया गया. लेकिन, इंसान का पैर जैसा अंग फंसा हो तो सावधानी से कपलिंग को अलग कर पाना उनके बस की बात नहीं थी. आखिरकार क्रेन बुलवाना पड़ा. लंबी कोशिश के बाद आखिरकार क्रेन आया और उसकी मदद से सावधानी से विनय के पैर को छुड़ाया गया. तब तक आपदा प्रबंधन से जुड़ा स्टाफ भी मौके पर पहुंच गया था. जैसे ही पैर बाहर आया, विनय को अस्पताल के लिए रवाना किया गया.
ये दो लापरवाही आई सामने
आपको बता दें कि स्टील प्लांट प्रबंधन के पास रेगुलर कर्मचारियों की भारी कमी हो गई है. अधिकांश काम ठेका श्रमिकों से कराया जा रहा है जो प्रशिक्षित नहीं होते. ऐसे में उनसे इस तरह की गलती हो जाती है. दूसरा ये कि सेफ्टी टीम के सदस्य और इन श्रमिकों से काम लेने वाले साइट मैनेजर व सुपरवाइजर तक नहीं होते, जिससे वे बिना किसी मार्गदर्शक के जो शुरुआत में श्रमिकाें को कह दिया जाता है, उसे ही करते रहते हैं. ऐसे में इस तरह के हादसे का खतरा बना रहता है.