जगदलपुर। एनिमिया पीड़ित एक बछिया को सांड का खून चढ़ाकर उसकी जान बचाई गई। जगदलपुर के पशुचिकित्सकों ने बछड़े को खून चढ़ाने का सफलतम कारनामा किया है। इनके इस प्रयास न सिर्फ बछिया की जान बची बल्कि वह अभी पूरी तरह से ठीक भी है। जगदलपुर पशु चिकित्सा केन्द्र के इन चिकित्सकों के प्रयास साराहना की जा रही है।
दरअसल जगदलपुर पशु चिकित्सा केन्द्र के चिकित्सकों के पास एक बछिया का केस आया। बछिया करीब 8 माह की है। शुरुआती जांच में डॉक्टरों ने पाया कि बछिया में खून की कमी है और एनिमिया के लक्षण है। वह बार बार तेजी से हांफ रही थी। इसके बाद डॉक्टरों ने बछिया का पैथालॉजी टेस्ट करने का निर्णय लिया। टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर चौंक गए।
बछिया की पैथालॉजी रिपोर्ट में आया कि उसमें खून की कमी है। पैथालॉजी जांच में पता चला कि बछिया के शरीर में आरबीसी व हीमोग्लोबिन की मात्रा बेहद कम है। जिसके कारण काफी कमजोर हो गई है। बछिया में एनीमिया के लक्षण स्पष्ट दिख रहे थे। पैथालॉजी रिपोर्ट में आरबीसी 6.11 होना था वह घटकर 3.51 पर आ गया। यही नहीं बछिया का हीमोग्लोबिन भी कम होकर 5.69 पर पहुंच गया था।
डॉक्टरों ने लिया खून चढ़ाने का निर्णय
बछिया को बचाने के लिए पशु चिकित्सकों ने उसे खून चढ़ाने का निर्णय लिया। इसके बाद खून की मैचिंग तलाशना शुरू किया गया। कई मवेशियों के खून का सैंपल लेने के बाद एक सांड का खून बछिया के खून से मैच कर गया। इसके बाद डॉक्टरों ने बछिया को सांड का खून चढ़ाया जिससे उसकी जान बची। बछिया को सांड का खून का एक यूनिट चढ़ाया गया। अब बछिया पहले से काफी बेहतर स्थिति में है।
इस सफल इलाज में जगदलपुर पशु चिकित्सालय के डॉ विवेक नायक, डॉ केके देव, डॉ गीतिका ध्रुव व उनके स्टाफ का योगदान रहा। बछिया का सफल इलाज करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि पशु बोल नहीं पाते इसलिए इनकी समस्या को जानना बहुत जरूरी है। बछिया की शुरुआती जांच में ही उसमें एनिमिया के लक्षण दिख रहे थे। इसलिए खून चढ़ाने का निर्णय लिया गया जिससे उसकी जान बच सकी।