रायपुर। निलंबित एडीजी और आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह जीपी ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीम के कब्जे में है। पर उनसे राज उगलवाने के लिए अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं। उनके मोबाइल को अब तक डिकोड नहीं कर पाए हैं।
बता दें कि निलंबित आईपीएस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। ईओडब्ल्यू के अफसर जीपी सिंह से लगातार पूछताछ कर रहे हैं, लेकिन सिंह साजिश, संपत्ति और मददगारों की राज खोलने में अफसरों की मदद नहीं कर रहे हैं। ऐसे में सच्चाई उगलवाने में अफसरों के पसीने छूट रहे हैं।
बता दें कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में जीपी सिंह का बयान लिया गया, लेकिन निलंबित एडीजी जीपी सिंह सवालों से बचते नजर आए। जीपी सिंह के पास बरामद मोबाइल का मास्टर लॉक अब तक नहीं खुल पाया है। जब जीपी सिंह से पेनड्राइव की जानकारी मांगी गई, तो उसे भी उन्होंने जानकारी नहीं होने का हवाला दिया।
जानकारी अनुसार अब तक ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीम को कुछ खास जानकारी नहीं मिल सकी है। ईओडब्ल्यू सूत्रों के मुताबिक जीपी सिंह ने जब्त मोबाइल का कोड बताने से इनकार कर दिया है। ऐसे में अफसर फॉरेंसिंक टीम की मदद ले सकते हैं।
दरअसल निलंबित एडीजी जीपी सिंह को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने 2 दिनों की रिमांड पर लिया है। निलंबित एडीजी जीपी सिंह की एक दिन की रिमांड पूरी हो चुकी है। एसीबी/ईओडब्लू को कल शाम 5 बजे तक जीपी सिंह को कोर्ट में पेश करना होगा।
एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने जीपी सिंह से आज दिन भर पूछताछ की है, लेकिन जांच टीम जीपी सिंह के मोबाइल फोन का राज नहीं खोल पाई है। मिली जानकारी के मुताबिक एसीबी मुख्यालय में लगभग 11 घंटों तक चली पूछताछ के बाद भी जीपी सिंह ने मोबाइल का मास्टर कोड देने से इनकार कर दिया है।
फरारी कटवाने में मदद करने वालों को खोज
छ्त्तीसगढ़ से फरार घोषित किए जाने के बाद से जीपी सिंह की हर एक गतिविधियों पर एसीबी और मुखबिर तंत्रों ने नजर रखी थी। एसीबी की टीम अब इस बात की जानकारी जुटाने में लगी है कि इतने दिनों तक सिंह को फरारी कटवाने में उनकी मदद किस-किस ने की है। फरारी के दौरान कौन-कौन व्यक्ति जीपी सिंह के संपर्क में था। एसीबी की टीम कई मामलों में अब भी साक्ष्य जुटाने में लगी हुई है।
पूछताछ में नहीं कर रहे हैं कोई भी मदद
एसीबी मुख्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि जीपी सिंह पूछताछ में किसी भी प्रकार की मदद नहीं कर रहे हैं। हर सवालों के जवाब से बचते नजर आ रहें है। इतना ही नही पूछताछ के दौरान जीपी सिंह ने अपने वकीलों को सामने बुलाने की मांग की है।
बंगले से जब्त हुए थे पेन ड्राइव, टैब समेत इलेट्रॉनिक डिवाइस
सूत्रों के मुताबिक छापेमारी के दौरान जीपी सिंह के बंगले से पेन ड्राइव, टैब, समेत कई इलेट्रॉनिक डिवाइस जब्त हुए थे। साथ ही गिरफ्तारी के दौरान भी स्मार्टफोन एसीबी के हाथ लगा है, जिसकी जानकारी जीपी सिंह से मांगी जा रही है। अगर जीपी सिंह सहयोग नहीं करते हैं तो फॉरेंसिक जांच की मदत ली जा सकती है।
जुलाई 2021 में ACB-EOW ने मारा था छापा
गौरतलब है कि 1 जुलाई 2021 की सुबह 6 बजे ACB-EOW की टीमों ने रायपुर, राजनांदगांव और ओडिशा में उनके सहयोगियों समेत सभी ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था जिसमें 5 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ था और 10 करोड़ की संपत्ति मिलने और इसके बढ़ने की आधिकारिक जानकारी दी गई थी।
छापे में मिले थे आपत्तिजनक दस्तावेज
इसके अलावा छापे के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले थे, जिसके आधार पर रायपुर कोतवाली में जीपी सिंह पर राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ था, जिसका चालान कोतवाली पुलिस पहले ही कोर्ट में पेश कर चुकी है, जो कोर्ट में विचाराधीन है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो रायपुर में अनुपातहीन संपत्ति और भष्टाचार निवारण अधिनियम और धारा 201,467,471 के आरोप में निलंबित आईपीएस जीपी सिंह का प्रकरण दर्ज है।
(TNS)