Kremlin. इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है. यूक्रेनी बच्चों को गैर-कानूनी तरीके से रूस डिपोर्ट करने के मामले में ये अरेस्ट वारंट जारी किया गया है. हालांकि रूस ने आईसीसी के अरेस्ट वारंट को ये कह खारिज कर दिया है कि ये आईसीसी के अधिकार क्षेत्र का मामला है ही नहीं. रूस ने कहा कि आईसीसी का ये फैसला यहां लागू नहीं होता. गौरतलब है कि आईसीसी के पास संदिग्धों को गिरफ्तार करने की कोई शक्ति नहीं है और केवल उन देशों के भीतर अधिकार क्षेत्र का उपयोग कर सकता है, जिन्होंने अदालत की स्थापना करने वाले समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ़ गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए कहा कि ये युद्ध अपराध फरवरी 2022 से यूक्रेन में किये गए हैं. आईसीसी ने कहा है कि रूसी बलों ने इन बच्चों को जबरन रूस भेजा. जो कि गैर-कानूनी काम है. वहीं, रुस ने कहा है कि यूक्रेन में किसी तरह के युद्ध अपराध नहीं किये गए हैं. आईसीसी ने पुतिन पर बच्चों के निर्वासन में शामिल होने का आरोप लगाया है, और कहा है कि उसके पास यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि उन्होंने सीधे तौर पर इन कृत्यों को अंजाम दिया, साथ ही साथ दूसरों की इसमें मदद भी की.
रूस की सरकार ने इस अरेस्ट वारंट का जवाब दिया है. रूस ने कहा है कि आईसीसी के इस फैसले का कोई कानूनी पहलू नहीं है. रूस सरकार के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि आईसीसी के इस अरेस्ट वारंट का कोई मतलब नहीं है. इसके कोई कानूनी पहलू नहीं है. रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने टेलीग्राम चैनल पर लिखा है कि इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट क्या कहता है, इससे उसके देश का कोई मतलब नहीं है. ऐसे में ये अरेस्ट वारंट इन्वैलिड है.
कोर्ट ने पुतिन पर वॉर क्राइम जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. साथ ही रूसी राष्ट्रपति पर यूक्रेनी बच्चों को अवैध तरीके से जबरन रूस ले जाने का भी आरोप है. इसने कहा है कि ये अपराध 24 फरवरी 2022 से जब रूस ने यूक्रेन में पूरी तरह से घुसपैठ शुरू कर दी तब किए गए हैं. बच्चों के अधिकारों के लिए रूस की आयुक्त मारिया लावोवा-बेलोवा को भी आईसीसी ने वांछित करार दिया है. पुतिन और लावोवा-बेलोवा के खिलाफ वारंट जारी किए जाने के बावजूद, आईसीसी के पास संदिग्धों को गिरफ्तार करने की कोई शक्ति नहीं है और केवल उन देशों के भीतर अधिकार क्षेत्र का उपयोग कर सकता है, जिन्होंने अदालत की स्थापना करने वाले समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.