रायपुर। छत्तीसगढ़ में हुए नान घोटाला (Naan Scam) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सख्त हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की याचिका पर सुनवाई के बाद सर्वाेच्च न्यायालय ने राज्य सरकार (State Government) और केंद्रीय जांच एजेंसी (Central Investigation Agency) को नोटिस जारी कर 10 दिनों में जवाब मांगा है। इस घोटाले के आरोपी अफसरों डॉक्टर आलोक शुक्ला ( Alok Shukla) और अनिल टुटेजा ( Anil Tuteja) की मुश्किलें बढ़ सकती है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमना की अध्यक्षता वाली सर्वाेच्च न्यायालय की तीन जजों की बेंच ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से इस मामले की सुनवाई की। इस बेंच में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हेमा कोहली शामिल रहे। म्क् की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पैरवी की। वहीं अनिल टुटेजा की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी और डॉ. आलोक शुक्ला की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पैरवी की।
सुनवाई के बाद सर्वाेच्च अदालत ने राज्य सरकार और सीबीआई को नोटिस जारी करने का आदेश दिया। प्रतिवादियों को दिया गया नोटिस उनके वकीलों को ही सर्व करा दिया गया। अदालत ने 10 दिन बाद अगली सुनवाई तय की है, उसी में जवाब पेश किया जाना है।
ये है पूरा मामला
2015 में राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में 36,000 करोड़ रुपए का कथित घोटाला सामने आया था। इसके बाद छत्तीसगढ़ पुलिस की ईओडब्ल्यू और एसीबी ने 12 फरवरी 2015 को नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों के 28 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था। इसमें करोड़ों रुपए नकद बरामद किए गए। इसके अलावा भ्रष्टाचार से संबंधित कई दस्तावेज, हार्ड डिस्क और डायरी जब्त हुई थी। इसी मामले में आरोपी बनाए गए लोगों में खाद्य विभाग के तत्कालीन सचिव डॉ. आलोक शुक्ला और नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक अनिल टुटेजा भी थे ।
(TNS)