ISLAMABAD. पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार इमरान खान की राजनीतिक पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को एक प्रतिबंधित संगठन घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए विशेषज्ञों से परामर्श करने की योजना बना रही है. दावा किया गया है कि पुलिस ने लाहौर में पूर्व प्रधान मंत्री के आवास से हथियार और पेट्रोल बम जब्त किए हैं. पुलिस इमरान खान के घर तब पहुंची जब वह अदालत की सुनवाई में शामिल होने के लिए लाहौर से इस्लामाबाद गए थे. पाकिस्तान मीडिया ने बताया कि जब इमरान खान इस्लामाबाद में थे, तब 10,000 से अधिक सशस्त्र पंजाब पुलिस के जवानों ने उनके आवास में प्रवेश किया और उनके दर्जनों समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया.
गृह मंत्री सनाउल्लाह ने कहा, ‘जमान पार्क में आतंकवादी छिपे हुए थे. इमरान खान के आवास से हथियार, पेट्रोल बम आदि बरामद किए गए हैं, जो पीटीआई के खिलाफ उग्रवादी संगठन होने का मामला दर्ज करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. इस मुद्दे पर हमारी कानूनी टीम से परामर्श कर रही है.’ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सुहैल सुखेरा ने कहा कि विशाल निवास के अंदर, पुलिस पर हमलों में शामिल लोगों को शरण देने के लिए अवैध ढांचे बनाए गए थे. इन हमलों में दर्जनों अधिकारी घायल हुए थे. पाकिस्तान पुलिस को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता और पूर्व क्रिकेटर इमरान खान को गिरफ्तार करने के कई असफल प्रयासों का सामना करना पड़ा था.
पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज़ शरीफ ने कहा, ‘अगर किसी को कोई संदेह था, तो पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान नियाज़ी की पिछले कुछ दिनों की हरकतों ने उनकी फासीवादी और उग्रवादी प्रवृत्तियों को उजागर कर दिया.’ मरियम नवाज़ शरीफ़ ने कहा, ‘मुझे आश्चर्य है कि क्या वह खुद को एक राजनेता कहते हैं. राजनेता जेल जाने और जवाबदेही से नहीं डरते. केवल चोर और आतंकवादी डरते हैं. गिरफ्तारी का डर दिखाता है कि उनके (इमरान) खिलाफ मामले वास्तविक हैं.’ उन्होंने कहा, वह कायर है क्योंकि वह अपनी उपस्थिति दर्ज किए बिना अदालत के बाहर से ही चले आए.’
मामले की पिछली सुनवाई में पेश होने में विफल रहने के बाद इमरान खान मंगलवार से लाहौर में अपने घर में शरण लिए हुए थे. पूर्व प्रधानमंत्री को गिरफ्तारी से बचाने के लिए उनके समर्थकों ने दो दिनों तक पुलिस पर पथराव किया और लाठीचार्ज किया. इमरान खान को तोशाखाना मामले में आरोपी बनाया गया है. उन पर पद पर रहते हुए सरकारी उपहार बेचने और संपत्ति छिपाने का आरोप लगाया गया है. अब विपक्ष के नेता इमरान खान को पिछले अप्रैल में संसद में एक अविश्वास प्रस्ताव में अपदस्थ कर दिया गया था.